Wednesday, May 21, 2025

सरकारी बीज की हो रही कालाबाजारी वीडियो सोशल मीडिया में वायरल

तोप सिंह,युवा मीडिया

बाँदा(ब्यूरो)।बबेरू। किसानो क अधिकार बजार मे किया जा रहा है सौदा लेकिन अधिकारी इस पर कोई अपनी कार्यवाही नही कर रहे हैं । किसानों के लिए सरकार भले ही तमाम योजनाएं लागू करे और उन योजनाओं में कोई गडबडी न कर सके इसलिए कितने भी प्रयास करे । लेकिन भृष्टाचार में लिप्त अधिकारी कर्मचारी अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे हैं। और जिस बीज को खेतों में बोकर किसानों को बेहतर फसल उत्पादन करना था, उस बीज की जिम्मेदारों ने कालाबाजारी कर अपनी जेबें भर रहे हैं। कमासिन ब्लाक के राजकीय बीज भण्डार का है। जहां से एक सरकारी पशु विभाग की गाडी में सरकारी बीज भरकर ले जाते समय गाडी का बीडीओ तेजी वायरल हो रहा है। इस बीडिओ में यह कहा जा रहा है। कि यह किसानों को वितरण के लिए आया सरकारी बीज है। जिसको चोरी से बेचने के लिए

ले जा रहे हैं।जिसमें यह भी कहा जा रहा है। कि बीज लगभग 30 कुंतल होगा। हालांकि राष्ट्रीय प्रस्तावना वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता। वहीं जब वायरल बीडीओ की जानकारी की गई। तो पता चला की कमासिन राजकीय बीज भण्डार के प्रभारी सत्रुघन व विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से किसानों के हक में डाका डाल कर लाखों के भृष्टाचार का खेल खेला गया है ।

यह भी पढ़ेनारी शिक्षा और स्वास्थ्य विषय पर संगोष्ठी व सम्मान समारोह संपन्न

जिसमें गाडी पकडने वाले ब्यक्ति ने आरोप लगाते हुए बताया कि। किसानों के लिए निशुल्क वितरण के लिए आये मिनी किट व प्रदर्शन आदि के बीज को बुवाई के समय किसानों को न वितरण कर बाद में गांव गांव जाकर दलालों के माध्यम से किसानों के अंगूठे लगवाकर कुछ किसानों को चने की जगह सरसों और मसूर की किट देकर खानापूर्ति कर वितरण दिखा दिया गया। और वही बीज अब चोरी छिपे पशु विभाग की सरकारी गाड़ी मे भरकर बाजार में बेचा जा रहा है। जबकि देखा जाये तो अब फसल बोने का समय भी नहीं है। बल्कि फसले पकने के कगार पर है। वहीं यह भी बताया गया कि किसानों के साथ घटतौली कर ज्यादा पैसे बसूले गये । जिसका किसानों ने विरोध किया और बीडीओ बनाकर शोसल मिडिया में वायरल किया था। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई थी। वहीं यह भी बताया गया कि इस विभाग में ब्लाक में कुछ कर्मचारी कई सालों से तैनात है जिनकी गांवों में अच्छी सेटिंग होने से बीज की कालाबाजारी का खेल चल रहा है।वही वायरल वीडियो का राष्ट्रीय प्रस्तावना अखबार पुष्टि नहीं करता है ।

 

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles