Thursday, May 15, 2025

“योगी जी”,हमारे खेतों को “अतिक्रमण” से बचाएं

 निष्पक्ष जांच कराकर हमारी भूमि पूर्व स्थिति कराएं बहाल

युवा मीडिया

यूपी, जलेसर, एटा जनपद अंतर्गत जलेसर तहसील क्षेत्र के ग्राम इसौली में एक दलित किसान की भूमि पर बिना न्यायालयीय निर्णय के जबरन कब्जा कराए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीड़ित किसान रवीन्द्रपाल पुत्र नौवत सिंह, अनुसूचित जाति समुदाय से हैं, जिन्होंने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से न्याय की गुहार लगाई है।

पीड़ित का कहना है कि पैमाइश कर समाधान कराएं, एवं दोषी अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करें साथ ही नष्ट हुई फसल के नुकसान की वित्तीय भरपाई की जाएं ।

ग़रीब बुजुर्ग दलित किसान का आरोप: पूरा प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन हैं फिर भी “बिना सुने धमकाकर भगा दिया गया”

पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया कि चकमार्ग विवाद में दलित किसान की फसल पर बुलडोज़र,चला तहसीलदार ने पक्षपात और पद के दुरुपयोग किया है

प्राप्त जानकारी के अनुसार, रवीन्द्रपाल ने चकबंदी के दौरान अपने पुराने गाटा संख्या 909, रकबा 0.567 हेक्टेयर में से 1/3 हिस्सा (रकबा 0.189 हे.) अपने भाई वीरपाल व भूरी सिंह नामक व्यक्ति को विक्रय किया था। आरोप है कि चकबंदी के समय भूरी सिंह ने डीडीसी एटा के 15.01.2004 के आदेश का दुरुपयोग कर प्रार्थी की नई भूमि गाटा संख्या 829/2 पर अवैध रूप से चकमार्ग निकलवा लिया, जबकि विक्रय की गई भूमि अब भी पुराने गाटा (909) में ही स्थित है।

इस मामले में प्रार्थी ने डीडीसी न्यायालय, एटा में मुकदमा भी दायर किया है, जिसकी अगली सुनवाई 25 अप्रैल 2025 को नियत है। बावजूद इसके, भूरी सिंह ने पुनः 16 अप्रैल को एडीएम एटा के समक्ष एक और आवेदन देकर विवादित चकरोड की पैमाइश की मांग की, जिस पर आदेश हुआ कि “पैमाइश कर समाधान कराएं, अतिक्रमण न होने दें”।

प्रशासनिक आदेशों की अवहेलना और फसल पर चला जेसीबी

उपजिलाधिकारी जलेसर द्वारा 17 अप्रैल को संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे, किंतु तहसीलदार जलेसर राकेश कुमार पर आरोप है कि उन्होंने न तो निष्पक्ष पैमाइश कराई, न ही उच्चाधिकारियों के आदेशों का पालन किया। इसके विपरीत, 19 अप्रैल 2025 को उन्होंने लेखपाल, राजस्व निरीक्षक और थाना सकरौली की पुलिस टीम के साथ मिलकर भूरी सिंह के पक्ष में प्रार्थी की रोड साइड भूमि (गाटा सं. 1199) पर जेसीबी चलवाकर खड़ी गेहूं की फसल नष्ट कर दी और कब्जा करवा दिया। Read also:

दलित किसान का आरोप: “बिना सुने धमकाकर” भगा दिया

प्रार्थी ने आरोप लगाया कि उन्होंने तहसील कर्मचारियों के सामने बार-बार हाथ जोड़कर विनती की, लेकिन उन्हें धमकाकर भगा दिया गया। इस कार्रवाई से उन्हें समाज में अपमानित होना पड़ा और उनके वैधानिक अधिकारों का घोर उल्लंघन हुआ है।

तहसीलदार पर मिलीभगत और भ्रष्टाचार का आरोप

रवीन्द्रपाल ने अपने पत्र में तहसीलदार राकेश कुमार पर भूरी सिंह से मिलीभगत, राजकीय आदेशों की अवहेलना, और राजस्व एवं पुलिस अमले के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “यह न केवल मेरे मौलिक अधिकारों का हनन है, बल्कि राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली का भी खुला उल्लंघन है।”

मांग: निष्पक्ष जांच और भूमि की पूर्व स्थिति बहाल हो

प्रार्थी ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जाए, दोषी अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो, और प्रार्थी की भूमि पर पूर्व स्थिति बहाल की जाए। साथ ही नष्ट हुई फसल के नुकसान की वित्तीय भरपाई की भी माँग की गई है।

सीएम योगी आदित्यनाथ से ग़रीब गांव वालों विन्रम आग्रह

गांव वालों ने आरोप लगाते हुए बताया कि योगी महाराज जी, — पूरा प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन हैं फिर भी बिना सुने धमकाकर भगा दिया गया और चकमार्ग निर्माण की आड़ में जबरन कब्ज़ा कर ग़रीब कि खड़ी फसल पर जेसीबी चला दिया गया। यदि समय पर उचित न्याय नहीं हुआ, तो यह ग़रीब दलित ग्रामीण समाज के भीतर शासन प्रणाली के प्रति गहरा अविश्वास पैदा कर सकता है।

Read also:सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी से नाराज़ भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने अपने नेताओं की लगाईं क्लास

योगी महाराज जी आप से हमारा विन्रम आग्रह कि पैमाइश कर समाधान कराएं, अतिक्रमण न होने दें। निष्पक्ष जांच और भूमि की पूर्व स्थिति बहाल हो, इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जाए,सभी दोषी अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो, और भूमि पर पूर्व स्थिति बहाल की जाए साथ ही नष्ट हुई फसल के नुकसान की वित्तीय भरपाई की जाएं।

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