Friday, July 11, 2025

मस्जिद बोड़े में तरावीह के दौरान कुरान पूरा हुआ

तोप सिंह

युवा मीडिया

बांदा(ब्यूरो)। रमजान का पहला अशरा (10 दिन) आते-आते मस्जिदों में तरावीह के दौरान कुरान पूरा होने का सिलसिला जारी है, रमजान का चांद निकलते ही उसी रात से तरावीह (विशेष नमाज) शुरू होती है। अल्लाह की मुकद्दस किताब कुरआन शरीफ रमजान में नाजिल हुई थी। ईशा की

नमाज के बाद 20 रकआत तरावीह की नमाज अदा होती है। जिसे रमजान में अदा की जाती है। पूरे रमजान चलने वाली तरावीह में हाफिज पूरा कुरआन शरीफ सुनाते हैं, उसी क्रम में शहर कोतवाली के सामने स्थित वक्फ मस्जिद बोड़े में सातवीं तरावीह के दौरान कुरान मुकम्मल हो गया, यहाँ भारी संख्या में लोगों ने तरावीह की नमाज अदा की, मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष हाजी फसीउल्ला खांन

, खजांची/मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड आफ इंडिया के मेंबर हाजी आरिफ़ खाँन ने सभी को रमजान की मुबारकबाद पेश की व सभी से अपील कर कहा की रोजेदारों को इफ्तार कराएं, कुरान पाक की तिलावत करें, पूरा महीना इबादत में गुजारे, गुनाह से दूर रहें और जरूरतमंदों की व एक-दूसरे की भरपूर मदद करें, रोजा रखने का मतलब सिर्फ भूखा रहना नहीं होता है। ये हाथ-पैर, आंख आदि सभी अंगों का भी रोजा होता है। जो लोग किसी वजह से रोजा नहीं रख पाते, वे रोजेदारों का

एहतिराम करें, देश और समाज में अमन-मोहब्बत की दुआ करें। साथ ही हाफिज साहब को तोहफ़े/नजराना देकर हौसला अफजाई किया गया, तरावीह के बाद सामूहिक दुआ हुई, यहां हाफिज एहतेशाम उल हक ने इमामत करते हुऐ कुरान सुनाया, इस मुबारक मौके पर मस्जिद इमाम मौलाना मुफ़्ती शफीकउद्दीन साहब ने जकात के मसले पर अपना जोर देते हुए कहा सभी को इमानदारी से पाई-पाई जकात निकालनी है, जकात पहले अपने परिवार में फिर उन गरीब परिवार को दी

जानीचाहियॆ जो इसका जादा जरूरतमंद हो, इस दौरान प्रमुख रूप से मेराज कादरी, रशीद आतिशबाज, हमीद आतिशबाज, हनीफ अंसारी, गौहर बाबू, अरशद बिलाल, आदिल मसूदी, साबिर बाबू, नासिर, वहीद उल्ला, अनवर मिस्त्री सहित मस्जिद के सभी मेंबरान मौजूद रहे, सुब्हान आलम, अब्बास हक़ गोलू, सेफान, फैजान, कौसेन, जीशान, जिया सहित मोहल्ले के बच्चों नें ठंडे जूस का इँतेजाम किया।

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रमजान में होती है तरावीह की विशेष नमाज

बांदा। रमजान के महीने में तरावीह को अपनी अकीदत के हिसाब से सब लोग अलग-अलग दिनों में पूरा करते हैं। अरबी कैलेंडर के 9वें महीने रमजानुल मुबारक का चांद 1 मार्च को नजर आया। लोगों ने चांद देखकर खुशहाली की दुआ मांगी। रात को इशां की नमाज अदा करने के बाद लोगों नेतरावीह की नमाज शुरू की। शहर की लगभग 50 मस्जिदों कैंपस और घरों पर भी लोग तरावीह की नमाज पढ़ रहें हैं। पहला रोजा 2 मार्च को शुरू हुआ। चांद रात से ही मुस्लिम बहुल इलाकों के

बाजारों में देर रात तक चहल-पहल और रौनक चल रही है। रोजाना लोग सहरी और इफ्तार के सामान की खरीदारी कर रहें हैं, पैगंबर-ए-इस्लाम ने रमजान के तीस दिनों को तीन अशरों में बांट कर अहमियत बताई है। पहले 10 दिन का अशरा रहमतों का होता है। दूसरा अशरा गुनाहों से माफी और तीसरा जहन्नम से निजात का है।

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