मो. अकील खान, युवा मीडिया
वक्फ बिल के विरोध में लोगों ने बांधी काली पट्टी
सुल्तानपुर। रमजानुल मुबारक महीने के आखिरी जुमा को फतह मक्का की याद में सुल्तानपुर का ऐतेहासिक जुलूस मद-हे-सहाबा जुमा की नमाज बाद हर साल की तरह बिबिया मस्जिद चौक से परम्परागत तरीके से शांति से निकला। इस जुलूस की बुनियाद मौलाना अब्दुल अव्वल फारूकी ने तकरीबन 75 वर्ष पूर्व डाली थी। तब से यह जुलूस हर साल बिना किसी नागा अलविदा जुमा के बाद नमाज जुमा निकलता है।
वही वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में लोगो ने काली पट्टी बाँध रखा था। जुलूस की अगुवाई मौलाना मोहम्मद कसीम कासमी, मौलाना मोहम्मद उस्मान कासमी तथा मौलाना मताहरुस्सालाम कासमी की कयादत में निकाला गया। जुलूस बिबिया मस्जिद से शाहगंज चौराहा, डाकखाना चौराहा, गंदा नाला रोड से आगरा मिष्ठान, चौक घण्टा घर, उसके बाद चित्रा स्टूडियो गली, मतीन रोड, अन्नू चौराहा से जुलूस में इस्लामिक गगनचुंबी नारे लगाते हुए खैराबाद स्थित जामिया इस्लामिया मदरसा पर खत्म हुआ।
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जुलूस में फतह मक्का का तजकिरा किया गया हजरत मुहम्मद सल्लल्लाह हो अलैहे वसल्लम की शान में नात पाक तथा सहाबा रजी.अल्लाह अन्हु के शान में मनकबत के मिश्रे पेश किए गए। नातिया कलाम पेश करने वालो में कई अंजुमने, मौलाना, नात ख्वा, शायर आदि रहे। कोई अप्रिय घटना न हो पुलिस प्रशासन के लोग मुस्तैद रहा। इस मौके पर सम्भ्रान्त नागरिकों में जावेद अहमद, अफतार अहमद, अरबाब अहमद समेत हजारों लोग मौजूद रहे।