अनवर कुरैशी
लखनऊ। सरोजनीनगर में शुक्रवार शाम लिफ्ट में फंसकर एक 15 वर्षीय किशोर की दर्दनाक मौत हो गई। घटना की जानकारी होने पर सरोजनीनगर पुलिस और फायर स्टेशन के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। किसी तरह मृतक के शव को बाहर निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
लखनऊ। सरोजनीनगर में शुक्रवार शाम लिफ्ट में फंसकर एक 15 वर्षीय किशोर की दर्दनाक मौत हो गई। घटना की जानकारी होने पर सरोजनीनगर पुलिस और फायर स्टेशन के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। किसी तरह मृतक के शव को बाहर निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

मूल रूप से लखीमपुर के गोला गोकरननाथ में रहने वाले सुरेश अग्रवाल की सरोजनीनगर के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित पार्किंग नंबर 9 के पास पांच मंजिला बिल्डिंग है। इस बिल्डिंग में सुरेश का भूतल से तीसरी मंजिल तक अशोक लीलैंड की हमराही ऑटो नाम से तीन पहिया व चार पहिया वाहनों का शोरूम व एजेंसी है।

जिसमें पीजीआई के वृंदावन योजना सेक्टर- 5 निवासी शैलेंद्र राजवंशी का 15 वर्षीय बेटा शरद राजवंशी एक माह से सफाई कर्मी के रूप में नौकरी करता था। शुक्रवार शाम करीब 4 बजे वह तीसरी मंजिल से लिफ्ट के जरिए नीचे आ रहा था। तभी उसका लिफ्ट में पैर फंस गया। इससे दूसरी मंजिल पर लिफ्ट पहुंचते ही रुक गई। काफी देर तक लिफ्ट ऊपर नीचे नहीं गई तो लोगों ने लिफ्ट मैन अनिल प्रजापति को इसकी सूचना दी।

अनिल ने जब लिफ्ट चेक की तो दूसरी मंजिल पर शरद राजवंशी उसमें फंसा हुआ मृत हालत में मिला। इसके बाद घटना की सूचना फायर स्टेशन और सरोजनीनगर पुलिस को दी गई।

सूचना के बाद पहुंचे दमकल कर्मियों ने किसी तरह उसे बाहर निकाला। फिलहाल उसे लोक बंधु अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक शरद के परिवार में उसके पिता शैलेंद्र राजवंशी व मां नैना राजवंशी के अलावा भाई रणवीर (12) और 7 वर्षीय बहन परी है।
सूचना देने के बाद कर्मचारी भाग निकले
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि सुरेश अग्रवाल की इस एजेंसी व शोरूम में करीब 40 कर्मचारी काम करते हैं। लेकिन उन्हें जैसे ही इस घटना की जानकारी हुई तो उसमें से एक ने मृतक की मां नैना को फोन कर सूचना दी। उसके बाद सारे कर्मचारी वहां से भाग गए। जब पुलिस और दमकल कर्मी घटना स्थल पर पहुंचे तो वहां अशोक लीलैंड शोरूम व एजेंसी का कोई भी कर्मचारी नहीं मिला।

मृतक की मां नैना ने बताया कि उसे वहां के किसी कर्मचारी ने फोन कर बताया कि उसके बेटे शरद का पैर लिफ्ट में फंस गया है। जिससे वह घायल हो गया। उसे लोक बंधु अस्पताल पहुंचाया गया है। फोन करने वाले ने नैना से लोक बंधु अस्पताल पहुंचने को कहा। लेकिन वह सीधे वही पहुंची जहां उसका बेटा नौकरी करता था। वहां पहुंचने पर पता चला कि कंपनी के सारे कर्मचारी वहां से भाग गए और उसका बेटा शरद लिफ्ट में मृत हालत में फंसा पड़ा है। उसे देखते ही नैना चीख चीख कर रोने लगी।