काशी में रंगभरी एकादशी से ही क्यों होती है होली : तमन्ना
युवा मीडिया
वाराणसी।। एक्ट्रेस तमन्ना ने बताया कि फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की रंगभरी एकादशी बाबा विश्वनाथ के भक्तों के लिए बेहद खास होता है। इस दिन से काशी में होली की शुरुआत हो जाती है और वहां पर इस दिन के बाद काफी उत्साह देखने को मिलता है। होली के त्योहार की शुरुआत हर जगह अलग-अलग दिनों में हो जाती है। जैसे कि बरसाना और ब्रज में होली बसंत पंचमी से होली शुरू हो जाती है। वहीं रंगभरी एकादशी पर काशी में होली खेली जाती है। होली का त्योहार काशी में काफी अच्छे से सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन बाबा विश्वनाथ में भक्तों की भीड़ देखी जाएगी।
इस दिन हर कोई बाबा के साथ होली खेलता है। काशी में जब होली की शुरुआत होती है, तो भगवान शिव और माता गौरी के साथ गुलाल खेला जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इससे वैवाहिक जीवन अच्छा होता है। इस दिन बाबा विश्वनाथ और माता गौरी का श्रृंगार किया जाता है। साथ ही गाजे-बाजे के साथ हर कोई नाचता हुआ होली का त्योहार मनाता है। इसी के साथ पहली बार माता पार्वती ससुराल के लिए प्रस्थान करती हैं और काशी में रंगोत्सव का उत्सव शुरू हो जाता है।