गुलफाम अहमद, युवा मीडिया
गुजरात जेल से लाए गए दो आरोपी, रेलवे ट्रैक से करीब 4 किलो चांदी बरामद
सुल्तानपुर (ब्यूरो)। सर्राफा व्यवसायी के यहां हुई डकैती का खुलासा करते हुए दो आरोपियों को सूरत जेल से पुलिस सुल्तानपुर लेकर आई। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर लूट का माल भी बरामद कर लिया है। पुलिस ने दो आरोपियों को गुजरात के लाजपोर सेंट्रल जेल से पुलिस रिमांड पर लिया। आरोपियों में फुरकान उर्फ गुज्जर और अरबाज खान शामिल हैं। दोनों अमेठी जिले के मोहनगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं और 23 वर्ष के हैं। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर सुलतानपुर रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक से करीब 4 किलो चांदी बरामद की है। फुरकान की निशानदेही पर 1.550 किलोग्राम और अरबाज की निशानदेही पर 1.545 किलोग्राम चांदी मिली। दोनों आरोपियों को बरामद माल के साथ न्यायालय में पेश किया गया है।
बता दें किकोतवाली नगर के चौक इलाके में सर्राफा व्यवसाई के यहां हुई लाखों की डकैती के दो फरार आरोपियों ने बीते 18 फ़रवरी को सूरत न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया है। अरबाज और फुरकान नाम के ये आरोपी पहले से गुजरात के सूरत में हुई डकैती के मामले में जमानत पर थे। बदमाश फुरकान, अरबाज फरार हैं, इन दोनों पर यूपी पुलिस की ओर से एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है।
अरबाज और फुरकान की तलाश में जुटी पुलिस को जब पता चला कि दोनों सूरत जेल में हैं, तो विवेचक ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया। सीजेएम विनीत सिंह ने दोनों आरोपियों के खिलाफ वारंट बी जारी किया था। 28 अगस्त 2024 को कोतवाली नगर के अति व्यस्ततम चौक ठठेरी बाजार क्षेत्र में भरत जी की सराफा दुकान से दिनदहाड़े असलहे की नोक पर करोड़ों की डकैती हुई। घटना के अगले ही दिन यानी 29 अगस्त को बदमाशों की गैंग के सरगना विपिन सिंह ने रायबरेली कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। विपिन सिंह वही बदमाश है, जिसने मीडिया से बात करते हुए अपने एनकाउंटर की आशंका जताई थी। इसके बाद पुलिस ने तीन सितंबर को सुल्तानपुर कोतवाली क्षेत्र में पुष्पेंद्र सिंह, त्रिभुवन कोरी और सचिन सिंह को पुलिस ने एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार कर लिया था।
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ये तीनों ही बदमाश इस घटना के लिए रेकी करने और घटना वाले दिन बोलेरो से भागने के बैकअप में थे। बता दे कि पुलिस ने कोतवाली नगर के गोंडवा चौकी के निकट सचिन सिंह व पुष्पेंद्र सिंह को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था। इस दौरान पैर में गोली लगने से वे गिर गए थे पास में तमंचा कारतूस बाइक व जेवरात मिले थे। आरोपितों ने भी फायरिंग की थी लेकिन किसी पुलिस वाले को गोली नहीं लगी थी। बीते पांच सितंबर को डकैती कांड के आरोपी मंगेश यादव की एसटीएफ से मुठभेड़ के बाद मौत हो गई थी। पुलिस ने ये एनकाउंटर सुल्तानपुर के ही देहात कोतवाली के हनुमानगंज बाईपास पर किया था। आरोपी फरार चल रहा था और उस पर पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। जौनपुर के बक्श थाना इलाके का रहने वाले मंगेश यादव ने पुलिस पर पहली गोली चलाई थी, जिसके बाद पुलिस ने बचाव में गोली चलाई।
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मंगेश यादव पर पहले से दर्जनों केस दर्ज थे।बदमाश इसके बाद सुल्तानपुर पुलिस को चार और बदमाशों को एनकाउंटर किए बिना गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली। मंगेश यादव के एनकाउंटर के बाद 11 सितंबर को सुल्तानपुर पुलिस ने विवेक सिंह, विनय शुक्ला, अरविंद यादव और दुर्गेश सिंह को गिरफ्तार किया। इसके बाद एसटीएफ की 20 सितंबर को अजय यादव से मुठभेड़ हुई, जिसमें बदमाश के पैर में गोली लगी।
पुलिस ने जिला अस्पताल में इलाज कराने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया।एनकाउंटर इस घटना के तीन दिन बाद ही आरोपी अनुज प्रताप सिंह और उसके सहयोगी के साथ एसटीएफ की मुठभेड़ हुई। यह मुठभेड़ उन्नाव के अचलगंज थाना इलाके में हुई, जिसमें एक बदमाश घायल हुआ और दूसरा मौके का फायदा उठाकर भागने में कामयाब रहा।घायल बदमाश को प्राथमिक इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां शुरुआती उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक की शिनाख्त अमेठी के मोहनगंज थाना इलाके के रहने वाले अनुज प्रताप सिंह पुत्र धर्मराज सिंह के रूप में हुई। यूपी पुलिस की ओर से बताया गया कि सर्राफा की दुकान को लूटने के लिए पांच बदमाश घुसे थे।
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जिनमें अंकित यादव, अरबाज, मंगेश यादव, अनुज प्रताप सिंह और फुरकान शामिल थे। दुकान के अंदर घुसने वाले दो बदमाश मंगेश यादव और अनुज प्रताप सिंह एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। बीते दिनों और अंकित यादव को पुलिस ने पकड़ा था।