सर्वेश श्रीवास्तव, युवा मीडिया
भाकियू ने मौजूदा ग्राम प्रधान और सचिव पर लगाया है ग्राम पंचायत विकास कार्यों में भ्रष्टाचार का आरोप
अमेठी(ब्यूरो)जनपद के ग्राम पंचायत लोहरता में ग्राम प्रधान और सचिव की ओर से विकास कार्यों में किया जा रहे भ्रष्टाचार और अनियमितता जांच के मामले में शिकायतकर्ता ने जांच अधिकारी पर हीला हवाली करने का आरोप लगाया है। डीएम ने ग्राम प्रधान और सचिव के भ्रष्टाचार की जांच को लेकर बीएसए को नामित किया इसके बावजूद इसके जांच अधिकारी द्वारा जांच नहीं किए जाने से भ्रष्टाचारी ग्राम प्रधान अपने भ्रष्टाचार को छुपा कर पाक साफ बनने की कोशिश कर रहा है। इस मामले को लेकर शिकायतकर्ता के साथ अन्य लोगों में आक्रोश है लोगों ने मामले की पहले के वीडियो आदि के आधार पर जांच कर कार्यवाही की मांग की है।
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भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष हरीश सिंह चुन्नू व अजय मिश्र उर्फ बिलसन बाबा ने डीएम निशा अनंत और अमेठी बीडीओ बृजेश सिंह को दिए ज्ञापन में कहा है कि ग्राम प्रधान लोहरता की मनमानी और ब्लाॅक कर्मियों की मिलीभगत के कारण भ्रष्टाचार चरम पर है। गांवों में सफाईकर्मी काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे में विद्यालयों में बने शौचालयों सहित कक्षाओं की दैनिक सफाई व गांव में बनी नालियों में जलभराव के कारण आम जनमानस व बच्चे गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। विकास योजनाओं के साथी मनरेगा आवास सहित अन्य में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत लोहरता में ग्राम प्रधान व उनके ससुर भूमाफिया किस्म के सरकारी धन लूट गैंग के सक्रिय सदस्य है।ग्राम पंचायत लोहरता ब्लाक अमेठी के ग्राम प्रधान ने 2021 से 2025 तक में विकास कार्यों में

मनमानी करते हुए सरकारी धन का दुरुपयोग किया है।ग्राम प्रधान ने प्राथमिक विध्यालय में दिव्यांग शौचालय के मद में सरकारी धन का दुरुपयोग किया है शौचालय का निर्माण आजतक अपूर्ण है। नल मरम्मत एवं अन्य के नाम पर ग्राम पंचायत निधि के खाते से पैसा खारिज कर बंदर बांट की जा रही है। ग्राम प्रधान एवं सचिव की मिली भगत से ग्राम पंचायत के विकास कार्यों को ग्रहण लग गया है। ग्राम प्रधान सरकारी भूमि पर स्वयं भी कब्जा कर रहे हैं और चारागाह समेत अन्य सरकारी भूमि पर पैसा लेकर से कब्जा कराया जा रहा है और ग्राम पंचायत की सरकारी भूमि को बेचकर ग्राम प्रधान मालामाल हो रहा है। किसानों ने डीएम से भ्रष्टाचार में दोषी व्यक्ति और इसे छिपाने या सही जानकारी न देने वाले ब्लाॅक कर्मियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाए। डीएनए इसे गंभीरता से लेते हुए बीएसए को जांच कर रिपोर्ट तलब करने का निर्देश दिया है। डीएम के आदेश के बाद ग्राम पंचायत के साथ ही ब्लॉक में भी हड़कंप मचा हुआहै। सभी कागजों की हेरा फेरी में जुटे हैं, बंदर बांट किए धन को कैसे दिखाया जाए इस जुगत में लगे हैं। जांच अधिकारी नामित होने के बाद जांच में विलंब व मिली भगत के कारण ग्राम प्रधान अपूर्ण कार्यों को रातों दिन करवाने में जुटा है।
मनरेगा के नाम पर ट्रैक्टर वी जेसीबी से कार्य होता है कई बार ग्रामीणों में विवाद भी हुआ लेकिन ग्राम प्रधान की दबंगई और भ्रष्टाचार के चलते कोई कार्रवाई नहीं हो रहीहै। इधर शिकायतकर्ता का आरोप है कि जांच अधिकारी किसी के दबाव में जांच में हीला हवाली कर रहे हैं इसके कारण भ्रष्टाचारी ग्राम प्रधान अपनी कमियों को छुपा कर पाक साफ ऑफ बनने की कोशिश कर रहा है। जबकि उनके पास पहले के वीडियो और फोटो हैं।वर्जन
नामित जांच अधिकारी बीएसए संजय तिवारी ने बताया कि एक दिन वह गांव गए थे लेकिन शिकायतकर्ता नहीं मिले थे। बताया कि होली का अवकाश होने के कारण वह नहीं जा पाए। सोमवार को समाधान दिवस में वह रहेंगे उसके बाद संभवत 18 मार्च को गांव पहुंचकर जांच करेंगे।