तोप सिंह, युवा मीडिया बाँदा(ब्यूरो)
तहसील अतर्रा के ग्राम पंचायत महुआ में आज स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम की जयंती बड़े धूमधाम से मनाई गई। यह आयोजन जेडीयू दिव्यांग प्रकोष्ठ के जिला महासचिव बिहारी लाल अनुरागी की अगुवाई में हुआ, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता जेडीयू जिला अध्यक्ष उमाकांत सविता ने की। कार्यक्रम का संचालन मंडल प्रवक्ता संतोष अकेला ने किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि कमाल अहमद जख्मी, जो उत्तर प्रदेश परिवहन मुख्यालय में पूर्व कार्यरत रहे हैं, ने शेरो-शायरी के माध्यम से सम्मानित जनता का स्वागत किया और बाबू जगजीवन राम के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “वक्त अच्छा आने वाला है, कालिया न बिछाना राहों में तुम, हम फूल हम बिछाने वाले हैं।”
विशिष्ट अतिथि ब्रजनेश सिंह ने बाबू जगजीवन राम के संघर्षपूर्ण जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बाबू जी ने बिहार के छोटे से गांव से शुरुआत करके स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई और 1986 तक देश के सांसद रहे। ऐसे महापुरुष को कभी भुलाया नहीं जा सकता। दिव्यांग प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष श्री राम प्रजापति ने बाबू जगजीवन राम को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके सिद्धांतों और अधूरे सपनों को पूरा करने का काम हम सब मिलकर करेंगे।
कार्यक्रम में बाबूलाल चौधरी (जिला महासचिव, बांदा), अशोक सिंह (पूर्व जिला महासचिव, जेडीयू बांदा), संजय गुप्ता (पूर्व मंडल अध्यक्ष, जेडीयू), सद्दाम हुसैन (जिला उपाध्यक्ष, जेडीयू बांदा), करीना सिंह पटेल (जिला अध्यक्ष, जेडीयू समाज सुधार वाहिनी बांदा), भारत लाल कुशवाहा (जिला उपाध्यक्ष दिव्यांग प्रकोष्ठ बांदा), काशी प्रसाद यज्ञिक, घनश्याम कबीर (जिला अध्यक्ष, बुनकर प्रकोष्ठ, जेडीयू बांदा) और संतोष कुशवाहा समेत कई नेताओं ने बाबू जगजीवन राम के योगदान पर चर्चा की।
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कार्यक्रम की विशेष आमंत्रित अतिथि शालिनी सिंह पटेल (जेडीयू महिला प्रदेश अध्यक्ष) ने बाबू जगजीवन राम के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर उनके राजनीतिक सफर तक को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, “जगजीवन राम ने 50 साल तक सांसद रहकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया, लेकिन इसके बावजूद वह कभी प्रधानमंत्री नहीं बन सके। यह उनकी कड़ी मेहनत और संघर्ष का प्रतीक है।”
बाबू जगजीवन राम का जीवन परिचय, उनकी संघर्षों और उनके योगदान को भी विशेष रूप से याद किया गया। उनके योगदान को न केवल स्वतंत्रता संग्राम बल्कि भारतीय राजनीति में भी गहराई से महसूस किया गया।
इस कार्यक्रम में करीब दो सौ लोग उपस्थित थे, जिनमें राम मनोहर, लल्लू राम, अभिलाष कुमार, रामकिशोर, राकेश कुमार, अजेश कुमार, निरूल कुमार, रामखेलावन, क्षितिज कुमार, रामचरण, विपिन कुमार, विकास कुमार, माया देवी, पूजा देवी, ममता, सुशीला, रामकली, शकुंतला और अन्य लोग शामिल थे।
बाबू जगजीवन राम की जयंती पर आयोजित इस कार्यक्रम में उनके अद्वितीय योगदान को याद करते हुए उनके संघर्षों को सराहा गया और उनके अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया गया।
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