24 लोगों को नोटिस जारी कर 2 लाख रुपये का मुचलका भरने व अदालत में पेश होने का आदेश
विधेयक के विरोध में काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करने वाले मुजफ्फरनगर के 24 लोगों से 2-2 लाख रुपये का मुचलका भरने को कहा गया है। सिटी मजिस्ट्रेट ने 24 लोगों को नोटिस जारी कर उन्हें 16 अप्रैल को अदालत में पेश होने और शांति बनाए रखने के लिए जमानत के तौर पर 2-2 लाख रुपये का मुचलका भरने का निर्देश दिया है। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 के विरोध में काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करने वाले उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के 24 लोग मुश्किल में फंस गए हैं। अधिकारियों ने नोटिस जारी कर उनमें से प्रत्येक से 2-2 लाख रुपये का मुचलका भरने की मांग की है।

पवित्र रमज़ान के महीने के आखिरी शुक्रवार को भोपाल के ताज-उल-मस्जिद में नमाज़ अदा करने पहुंचे एक मुस्लिम श्रद्धालु ने दूसरे श्रद्धालु को काली पट्टी बांधी, शुक्रवार, 28 मार्च, 2025। पवित्र रमज़ान के महीने के आखिरी शुक्रवार को भोपाल के ताज-उल-मस्जिद में नमाज़ अदा करने पहुंचे एक मुस्लिम श्रद्धालु ने दूसरे श्रद्धालु को काली पट्टी बांधी, शुक्रवार, 28 मार्च, 2025। पुलिस अधीक्षक (शहर) सत्यनारायण प्रजापत ने शनिवार को पत्रकारों से जानकारी साझा करते हुए बताया कि सीसीटीवी फुटेज के ज़रिए 24 लोगों की पहचान की गई,
जिसके बाद उन्हें नोटिस जारी किए गए। पुलिस की रिपोर्ट पर, सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप ने नोटिस जारी किए, जिसमें 24 लोगों को 16 अप्रैल को अदालत में पेश होने और शांति बनाए रखने के लिए ज़मानत के तौर पर 2-2 लाख रुपये के बॉन्ड भरने का निर्देश दिया गया। जुमा-उल-विदा, 28 मार्च को ये लोग क्षेत्र की विभिन्न मस्जिदों में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 के विरोध में काले बैज पहने हुए पाए गए। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने देश भर के मुसलमानों से रमजान के आखिरी शुक्रवार जुमा-उल-विदा पर काली पट्टी बांधकर वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का विरोध करने का आग्रह किया था।

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जिन्हें नोटिस मिले हैं, उन्होंने कहा कि उन्होंने शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध जताने के लिए ही काले बैज पहने थे, उनका इरादा सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने या तनाव पैदा करने का नहीं था।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश करते हुए कहा कि प्रस्तावित कानून न तो मुसलमानों के खिलाफ है और न ही उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए है।

क्या आपको लगता है कि भारतीय शेयर बाजारों के लिए सबसे बुरा समय बीत चुका है, या ट्रम्प टैरिफ प्रभाव उन्हें और अधिक प्रभावित करेगा?उन्होंने कहा कि विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को बढ़ाना, जटिल प्रक्रियाओं को सरल बनाना, अधिक पारदर्शिता लाना और प्रौद्योगिकी द्वारा समर्थित प्रणाली को लागू करना है।विधेयक को लोकसभा में 288-232 मतों से पारित किया गया था, जिसके बाद करीब 12 घंटे तक बहस चली, जो गुरुवार की सुबह तक जारी रही। बाद में 13 घंटे से अधिक समय तक चली गहन चर्चा के बाद इसे राज्यसभा ने मंजूरी दे दी।राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 128 मत और विपक्ष में 95 मत पड़े, जिसके साथ ही इसके प्रावधानों और निहितार्थों पर लंबी और तीखी बहस का समापन हो गया।
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