अनवर कुरैशी
लखनऊ। सरोजनीनगर पुलिस और सर्विलांस टीम ने अपहरण कर फिरौती की मांग करने वाले तीन शातिर अभियुक्तों को सोमवार तड़के गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनके कब्जे से एक देशी पिस्तौल और चार जिंदा कारतूस के अलावा घटना में इस्तेमाल की गई बिना नंबर प्लेट की मैगनाइट कार बरामद की है।
बदमाशों ने दो युवकों को अगवा कर मांगी थी फिरौती
सरोजनीनगर प्रभारी निरीक्षक राजदेव राम प्रजापति के मुताबिक कर्नाटक प्रांत के बेंगलुरू स्थित क्रॉस मदीना मस्जिद रोड कोटे चन्नापटना निवासी सैयद दानिश ने ईमेल से सूचना भेजी कि उसका मित्र मंजूनाथ 22 मार्च से लापता है। वह बेंगलुरु से लखनऊ के लिए इंडिगो की फ्लाइट से 22 मार्च को सुबह 5:45 बजे निकला था और सुबह 8:20 पर लखनऊ पहुंच गया। मंजूनाथ अपने व्यावसायिक कम से लखनऊ आया था। लखनऊ पहुंचते ही मंजूनाथ ने अपनी पत्नी रेखा को सुरक्षित पहुंचाने की वीडियो कॉल से सूचना भी दी।
लेकिन उसी शाम मित्र लोहित बीजी को अज्ञात मोबाइल से धमकी भरी कॉल आईढ्ढ कॉल करने वाले ने मंजूनाथ का अपहरण करने की बात कहते हुए एक करोड रुपए की फिरौती मांगी। न देने पर गोली मारने की धमकी दी। उसके बाद आरोपी और मंजूनाथ का भी मोबाइल स्विच आफ हो गया। जिससे सभी को अनहोनी की आशंका होने लगी। सैयद दानिश की सूचना पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर सोमवार सुबह उसकी खोजबीन शुरू कर दी। पुलिस ने इस दौरान लखनऊ एयरपोर्ट से सीसीटीवी कैमरे चेक करने शुरु किए तो मंजूनाथ गोमती नगर स्थित होटल मैरियट तक सुरक्षित नजर आया।
पुलिस और सर्विलांस टीम मंजूनाथ और अपहरण कर्ताओं की तलाश कर ही रही थी कि इसी बीच पुलिस को मुखबिर से सूचना के साथ ही सर्विलांस टीम को उनकी लोकेशन सरोजनीनगर में गहरु स्थित किसान पथ अंडरपास के पास मिली। जहां पहुंची पुलिस और सर्विलास टीम ने सभी को धर दबोचा। कार पर तीन लोगों के साथ सवार मंजूनाथ और उसके साथ कानपुर नगर के बेकनगंज स्थित नजीर बाग निवासी सैयद असर अहमद को सकुशल मुक्त करा लिया। पुलिस ने पकड़े गए तीनों युवकों के पास से 32 बोर की अवैध देशी पिस्तौल, चार जिंदा कारतूस, घटना में इस्तेमाल की गई एक बिना नंबर की मैगनाइट कार और 8 एंड्राइड मोबाइल बरामद कर उन्हें जेल भेज दिया है। जबकि फरार विवेक की तलाश में जुट गई है।
पैसे के लालच में फंसकर लोग लाखों रुपए दे देते थे
पुलिस के मुताबिक सैयद असर अहमद की काफी दिनों पहले बेंगलुरु में मंजूनाथ से मुलाकात हुई थी। तब से वह एक दूसरे के परिचित हो गए। मंजूनाथ जब अपने काम के सिलसिले में लखनऊ आया, तो उसने पहले ही फोन करके सैयद असर अहमद को भी मुलाकात के लिए लखनऊ बुला लिया था। पूछताछ में तीनों कार सवारों ने अपना नाम राजधानी लखनऊ के पारा स्थित कुल्हर कट्टा निवासी आकाश यादव, यही के रघुनतपुरम, डिप्टी खेड़ा निवासी प्रदीप पाल और यही के पिंक सिटी मोहान रोड निवासी आदर्श दुबे बताया। पूछताछ में तीनों ने बताया कि वह इंस्टाग्राम पर साई हवाला ट्रेडर्स नामक पेज के माध्यम से फर्जी नाम पते के लिए गए सिम द्वारा पेज पर लोगों से बात करके विश्वास में लेकर उन्हें अपने जाल में फंसा लेते हैं।
फिर उन्हें अपने पास कई पार्टियों होने का झांसा देते हुए बड़ी मात्रा में नंबर दो का कैश बताते और कैश को लोगों से अपने खाते में जमा करा कर एक नंबर में करने की बात कह रकम का 10 प्रतिशत कमीशन देने का झांसा देते हुए अपने बताए स्थान पर बुला लेते।
बाद में असलहा दिखाकर उन्हें धमकाते और अपहरण कर बिना नंबर प्लेट की गाड़ी पर ले जाते। इसके बाद परिजनों को फोन से धमकी देकर फिरौती वसूलते हैं। मंजूनाथ और सैयद असर को भी उन्होंने इसीलिए पारा के शकुंतला यूनिवर्सिटी के पास बुलाया। जहां से अपनी कार में अगवा कर लिया और दोनों को कार से ही घुमाते रहे। साथ ही मंजूनाथ के परिचित लोहित बीजी को फोन कर एक करोड़ की फिरौती मांगी। उन्होंने बताया कि उनके गैंग में पारा के समदा गांव में रहने वाला विवेक यादव भी शामिल है, जो भागने में सफल रहा।