मो. अकील खान, युवा मीडिया
देश में अमन-शांति के लिए लोगों ने दुआएं में उठाए हाथ
सुल्तानपुर। में शब-ए कद्र के अवसर पर रविवार रात भर शिया समुदाय के लोगों ने मस्जिदों व घरों में इबादतें की। रात भर जहां जमाअत से नमाज अदा की गई वही देश में अमन-शांति के लिए दुआ में लोगों के हाथ उठे। मस्जिदों में लोग कुरआन की तिलावत (पढ़ते) करते देखे गए।
नगर के खैराबाद स्थित मस्जिद मीर बंदे हसन, चुनहा मीसम नगर, अमहट, तुराबखानी, भांईं, अलीगढ़, हसनपुर, मनियारपुर, वलीपुर, इसौली, सुरौली, हयातनगर आदि स्थानों पर रात भर मस्जिदें गुलजार रही। रात करीब 10 बजे से शुरू हुई नमाज सुबह करीब 5 बजे तक अदा की गई।
इस दौरान मस्जिदों में ही लोगों के लिए सेहरी आदि की व्यवस्थाएं की गई थी। सुबह की नमाज अदा करने के बाद ही बड़े बूढ़े और बच्चे अपने अपने घरों को वापस पलटे। इस दौरान मस्जिद मीर बंदे हसन के पेश इमाम मौलाना बबर अली खां ने बताया कि हर साल 22वीं रमजान की रात को शिया समुदाय के लोग शब-ए कद्र के मौके पर मस्जिदों में नमाज अदा करते हैं।
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उन्होंने बताया इसके अलावा 18वीं रमजान और 20वीं रमजान को भी नमाज अदा की जाती है। उन्होंने बताया कि इन्हीं तारीखों में से एक तारीख़ में कुरआन उतरा है ऐसे में इन तारीखें का काफी महत्व है। मौलाना ने बताया कि इन शबो में इबादत करने से अल्लाह तमाम गुनाह अपने बंदे का माफ कर देता है। मगर तीन गुनाहों को वो कभी नहीं माफ करता। उनमें से पहला अपने मां-बाप को सताने वाला, दूसरा गरीब रिश्तेदारों को उनका हक नहीं देने वाला और तीसरा शराब पीने वाला। उसकी माफी नहीं है। उन्होंने सबको इन गुनाहो से खुद को बचाने की बात कही है