लखनऊ। एसटीएफ ने एनकाउंटर के दौरान गोंडा के कुख्यात अपराधी व एक लाख के इनामी बदमाश ज्ञानचंद पासी को ढेर कर दिया। वहीं बताया जा रहा है कि फायरिंग के दौरान दो साथी भागने में कामयाब रहे। मारे गए बदमाश पर हत्या, डकैती, लूटपाट, दुष्कर्म जैसे गंभीर 75 से अधिक मुकदमे दर्ज थे। गोंडा, बहराइच, लखनऊ सहित कई जनपदों में बदमाश की दहशत थी। वहीं सोमवार को इसके साथी सोनू पासी को गोंडा पुलिस ने ढेर किया था, जिस पर 53 मुकदमे दर्ज थे।
एनकाउंटर में ढेर हुए बदमाश पर थे 75 मुकदमे, दो फरार
बाराबंकी रामनगर के चौकाघाट के उत्तर स्थित लहदारा मोड़ के पास लोहटी जेई जंगल में अपराधियों के छिपे होने की जानकारी एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) को लगी। बुधवार शाम करीब साढ़े छह बजे एसटीएफ के इंस्पेक्टर अरुण कुमार सिंह व उपनिरीक्षक राघवेंद्र सिंह, अतुल चतुर्वेदी, प्रदीप सिंह, नीरज पांडेय, हेड कांस्टेबल राम निवास शुक्ला, राजीव सहित 12 सदस्यीय टीम ने जंगल को घेर लिया।
ताबड़तोड़ गोलियां चलने लगीं। दोनों ओर से सौ से अधिक बार फायरिंग हुई। जंगल में छिपे अपराधी भागने लगे। दो बदमाश भागने में सफल रहे, लेकिन ज्ञानचंद पासी को गोली लग गई और वह वहीं पर गिर पड़ा। एक गोली कनपटी, दूसरी छाती और तीसरी पैर में लगी। तीनों गोलियां शरीर के दाहिने हिस्से में लगीं। घायल अवस्था में उसे जिला अस्पताल पहुंचाया गया जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
इसी दौरान जानकारी होने पर अपर पुलिस अधीक्षक विकास चंद्र त्रिपाठी व सीओ गरिमा पंत भी मौके पर पहुंचे। एसटीएफ के इंस्पेक्टर अरुण कुमार सिंह ने बताया कि गोंडा जिले के नए पुरवा मजरे राजापुर थाना परसपुर निवासी ज्ञानचंद पासी पर 75 से अधिक मुकदमे दर्ज थे। एक लाख का इनाम भी था। मौके से 32 बोर की पिस्टल, एक राइफल, 315 बोर का तमंचा और एक 12 बोर की बंदूक समेत भारी मात्रा में कारतूस मिली है।
ज्ञान चंद्र पासी ने साल 2002 में की थी पहली हत्या
साल 2002 में ज्ञान चंद्र पासी ने पूरे लाली गांव के लश्करी यादव की गोली मारकर हत्या की थी। यह उसका पहला मर्डर था। इस सनसनीखेज हत्या की गूंज उत्तर प्रदेश विधानसभा तक सुनाई दी थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने इस मामले को गंभीरता से लिया था, जिसके बाद पुलिस ने घेराबंदी कर ज्ञानचंद्र के भाई ननकू पासी को मुठभेड़ में मार गिराया था। 2016 में ज्ञान चंद्र पासी ने गोंडा में बालमाचार गांव के निवासी शिवकुमार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी। वर्ष 2020 में जेल में रहते हुए उसने भोलीलाल गांव के कृष्ण प्रताप सिंह को लेटर भेजकर फिरौती की मांग की थी। जेल से छूटने के बाद उसने फिर से अपने गिरोह को सक्रिय कर दिया और वारदात करने लगा।
गिरोह का इनामी बदमाश दो दिन पूर्व मुठभेड़ में हुआ था ढेर
गत वर्ष 24 अप्रैल को पासी गैंग ने उमरी बेगमगंज थाना क्षेत्र के धन्नीपुरवा गांव के रहने वाले शिवदीन की हत्या कर दी थी। दरअसल, धन्नीपुरवा गांव में ही देवीदीन के घर में पासी गैंग डकैती करने घुसा था। आहट पाकर देवीदीन के छोटे भाई शिवदीन (22) की नींद खुल गई। उन्होंने शोर मचाते हुए पीछा किया। 100 मीटर दौड़कर सोनू पासी उर्फ भुर्रे को पकड़ लिया। भुर्रे ने खुद को छुड़ाने के लिए कमर से तमंचा निकाला और गोली मारकर हत्या कर दी। मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। वहीं 20 मई को मुठभेड़ में पुलिस ने एक लाख का इनामी बदमाश सोनू पासी को मार गिराया था।