लखनऊ। एसटीएफ की नोएडा यूनिट की बदमाशों के साथ थाना मुंडाली मेरठ क्षेत्र में मुठभेड़ हुई। इसमें लॉरेंस बिश्नोई गैंग का एक बदमाश ढेर हो गया। एनकाउंटर में वह गंभीर रूप से घायल हो गया था।
उसे उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया था। इलाज के दौरान बदमाश की अस्पताल में मौत हो गई। बदमाश की पहचान लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शार्प शूटर जीतू उर्फ जितेंद्र निवासी आसौंदा सिवान थाना आसौंदा जिला झज्झर हरियाणा के रूप में हुई। इस पर गाजियाबाद से थाना टीला मोड़ के 2023 के हत्या के केस में वांछित होने पर एक लाख का इनाम घोषित किया गया था।
डबल मर्डर में वांटेड था एक लाख का इनामी बदमाश
एसटीएफ के एसपी बृजेश कुमार सिंह के मुताबिक जितेंद्र ने 2016 में झज्जर में गांव के प्रधान रामबीर और उसके पिता की हत्या कर दी थी। मामले में जितेंद्र को उम्रकैद की सजा हुई थी। 2023 में पैरोल पर बाहर आया। इसी दौरान वह पैरोल जम्प कर फरार हो गया।
फरारी के दौरान सुपारी लेकर गाजियाबाद में 23 अक्टूबर, 2023 को महमूदपुर में लालू नाम के एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में 18 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इसमें जितेंद्र फरार चल रहा था। गाजियाबाद पुलिस ने उस पर एक लाख का इनाम घोषित कर रखा था।
हरियाणा की जेल में रहने के दौरान वह लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संपर्क में आ गया था। इसके बाद लॉरेंस गैंग के लिए काम करने लगा था। वह लॉरेंस गैंग के लिए भी धमकाने और वसूली का काम करता था। हरियाणा-पंजाब और पश्चिम यूपी में जितेंद्र ने अपना नेटवर्क बना रखा था। वह शातिर था और बहुत जल्दी-जल्दी जगह बदलता था।
बिल्डर्स से मांगी थी फिरौती
पुलिस ने बताया कि हरियाणा से पैरोल पर फरार होने के बाद जितेंद्र पश्चिम यूपी में एक्टिव हो गया था। उसने गाजियाबाद-नोएडा के कई बिल्डर्स को रंगदारी वसूलने के लिए धमकी दी थी। यह खबर एसटीएफ को लग गई। इसके बाद एसटीएफ इसके पीछे लग गई। एसटीएफ के एसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि एसटीएफ को जीतू के लोकेशन के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद पुलिस ने उसे पकडऩे के लिए जाल बिछाया।
पुलिसकर्मियों की बुलेट प्रूफ जैकेट पर लगीं गोलियां
मंगलवार देर रात जीतू पुलिस के शिकंजे में फंस गया। इसके बाद उसने भागने की कोशिश की। एसटीएफ ने घेरा तो उसने कार्बाइन से फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में एसटीएफ ने भी फायर किए। इसमें जितेंद्र मारा गया। एसटीएफ टीम के प्रभारी दरोगा केशव शाडिल्य, मुंडाली थाना प्रभारी दिव्य प्रताप सिंह, हेड कॉन्स्टेबल राहुल और विवेक की बुलेटप्रूफ जैकेट पर गोली लगी।
उसके आपराधिक कारनामों का इतिहास सामने आया है। 2016 से 2023 के बीच उस पर डबल मर्डर समेत 8 केस दर्ज हुए। इसमें हत्या, हत्या के प्रयास जैसे मुकदमे भी थे। उसपर इनाम भी घोषित किया गया था। वह एक कुख्यात और पेशेवर अपराधी था।