सरवर हुसैन, युवा मीडिया
सुल्तानपुर। के बल्दीराय/इसौली में शुक्रवार की रात हज़रत अली की शहादत पर जुलूस उठा। जिसमें अमन सुल्तानपुरी ने पेशखानी किया। अंजुमन सिपाह-ए हुसैनी भनौली ने नौहा मातम कर पुरसा पेश किया। जुलूस की मजलिस को मौलाना असगर नकी ने सम्बोधित किया। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा हर इंसान अपनी जिंदगी में कामयाब होना चाहता है। एक बच्चे क्लास में इसलिए मेहनत करता है ताकि वो कामयाब होकर दूसरे क्लास में पहुंच जाए।
एक बिजनेस मैन इसलिए मेहनत करता है ताकि वो कामयाब बिजनेस मैन कहलाए। समाज में जिसके पास दौलत है उसे कामयाब कहा जाता है। जिसकी ईमारत अच्छी हो उसे कामयाब कहा जाता है। मौलाना ने कहा अगर दौलत आने से ही इंसान कामयाब होता तो ख़ुदा कभी कारून और फिरऔन को नाकामयाब न कहता। और कभी पैगम्बर मोहम्मद की बीवी खदीजा के माल को अपना माल न कहता। मौलाना ने कहा इसका मतलब है वो दौलत जमा करना कामयाबी है जो खदीजा की तरह दीन के काम आ जाए। मौलाना ने कहा ख़ुदा सूरए अहज़ाब में कह रहा है ईमान वालों मुत्तकी बनो और जब बोलो तो हक बोलो।
इससे वो तुम्हे नेकिया देगा और गुनाह माफ करेगा और अल्लाह रसूल की एताएत (हुक्म मानना) करो ताकि तुम कामयाब हो जाओ। मौलाना ने कहा दुनिया में अली ही थे, जिन्होंने मस्जिद-ए कूफा में 19 रमजान को सिर पर तलवार लगने के बाद ऐलान किया था काबे के रब की कसम आज अली कामयाब हो गया। मौलाना ने बताया ये मस्जिद के अंदर पहला आतंकी हमला किसी नमाज़ी पर था जिसे यजीद के बाप ने इब्ने मुल्ज़िम से कराया था।
यहां पर मौलाना हैदर अब्बास, मौलाना अमन अली, मौलाना आले अहमद सैफ, अंसार हुसैन, कल्बे अब्बास, मोहम्मद वसीम, रहबर हुसैन, इसरार हुसैन, सोहेल, ज़मन अली, सबाहत हुसैन, इंतेज़ार, तौकीर, मूसी रज़ा, मास्टर नकी, सरवर हुसैन, तकी मेंहदी आदि मौजूद रहे। वहीं शनिवार सुबह की नमाज़ के बाद बल्दीराय के चक्करिभीट में भी शिया समुदाय ने इमाम अली जुलूस निकाला जिसमें अंजुमन करवाने अज़ा ने जुलूस में नौहा मातम किया जुलूस इमामबाड़े से उठ कर कर्बला पर जाकर समाप्त किया गया।