बीकेटी स्थित रामसागर शौ शैया संयुक्त चिकित्सालय का मामल
बख्शी का तालाब,लखनऊ : सरकार स्वास्थ्य संबंधी चाहे जितने भी अभियान चला ले,कार्यक्रम करवा ले लेकिन इनके नीचे जो सिपहसालार बैठे हुए हैं जब तक उनकी आदतों में सुधार नहीं आएगा तब तक ना तो जनता को सरकार पर भरोसा होगा और ना ही जनता को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ प्राप्त होगा। गरीब जनता सरकारी अस्पतालों में सस्ते और अच्छे इलाज के लिए आती है।लेकिन राजधानी के बीकेटी स्थित राम सागर शौ शैया संयुक्तचिकित्सालय में तैनात डॉक्टर गरीब जनता के खून पसीने से कमाए गए पैसों को महंगी दवाइयों में खर्च करा कर उनसे मिलने वाले कमीशन से अपनी जेबें गर्म कर रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक संयुक्त चिकित्सालय में तैनात बहुत से ऐसे डॉक्टर हैं। जो कि बाहर से दवाएं लिखने की अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे हैं।डॉक्टरों ने जैसे कसम खा ली हो चाहे मरीज कितना भी गरीब हो लेकिन कमीशन खोरी के लालच में बाहरी दवा लिखने के लिए छोटी पर्ची उनके हाथ में ही रहती है
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बताते चलें कि, बीकेटी स्थित संयुक्त चिकित्सालय में दूर-दूर से यहां तक की राजधानी व सीतापुर जिले तक के रहने वाले लोग सस्ते में अच्छे इलाज के लिए आते हैं।लेकिन यहां आने वाले लोगों के मंसूबे पर यहां तैनात डॉक्टर जो कि अस्पताल के बाहर खुले मेडिकल स्टोरों से सांठगांठ किए हुए हैं।पानी फेर देते हैं तथा उनको बाहर से खरीदने हेतु महंगी दवा से भरी हुई एक छोटी पर्ची थमा देते हैं। जिसके बाद वह भोले भाले मरीज जल्दी स्वस्थ होने की चाहत में जाकर बाहर से महंगी दवाई खरीदने हैं।तथा उन दवाओं से निकलने वाली मोटी कमीशन इन कमीशन खोर डॉक्टरों के जेब में चली जाती है।बुधवार को इटौंजा से आए समर बहादुर ने बताया कि डा.उबैदुल्लाह ने उन्हें कुछ दवाएं लिखीजिनमें पर्चे पर लिखी दवाएं तो अस्पताल में ही मिल गई मगर अलग से लिखी गई पर्ची की दवाएं अस्पताल के पास स्थित मेडिकल स्टोर पर 400 सौ रुपये की मिली।इसी प्रकार प्रियंका ने बताया कि उन्होंने भी 300 रुपये की दवाएं बाहर से खरीदी है, अमरेश ने बताया कि उनके पैर में चोट लग गई थी जिन्होंने भी बाहर से 700 रुपए की दवाई खरीदी है।पूछताछ में अस्पताल आए दर्जनों मरीजों ने बताया कि डा. सुमित,महाराज,डा.गिरीश चन्द्र पांडेय समेत अन्य चिकित्सक अलग से एक पर्ची पर बाहर की दवाएं जरूर लिखते हैं जोकि बहुत महंगे दामों पर मिलती है।