वनांगना संस्था द्वारा चलाए जा रहे “तरंग मेरे सपने मेरी उड़ान” कार्यक्रम के तहत, नरैनी स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस मनाया गया। इस मौके पर एक फिल्म दिखाकर कानून और न्याय पर गहरी चर्चा की गई।
कार्यक्रम के कोऑर्डिनेटर शोभा देवी ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस 20 फरवरी को मनाया जाता है,
जिसका उद्देश्य समाज में हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना और लिंग, नस्ल, असमानता और धार्मिक भेदभाव को समाप्त करना है। यह दिन दुनिया भर में किए गए अन्याय को उजागर करने और सुधारों पर ध्यान केंद्रित करने का भी अवसर है।इस अवसर पर “बोल बसंती” फिल्म दिखाई गई, जो कानून और न्याय के मुद्दों पर आधारित थी। फिल्म के माध्यम से छात्राओं के साथ इस विषय पर चर्चा की गई। छात्राओं ने फिल्म देखकर अपने विचार साझा किए, जिसमें एक छात्रा ने कहा, “फिल्म में विधवा महिला ने हार नहीं मानी, उसने अपना हक हासिल किया और कानून से न्याय मिला। यह हमें यह सिखाता है कि महिलाओं को कभी हार नहीं माननी चाहिए, चाहे उन्हें कितनी भी मुश्किलों का सामना क्यों न करना पड़े।” विद्यालय की शिक्षक दीप्ति राजपूत ने कहा कि वनांगना संस्था लड़कियों को न्याय के बारे में बहुत महत्वपूर्ण जानकारी दे रही है, जो उनके लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा, “न्याय मिलने में समय लगता है, हमें लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहना चाहिए।”
कार्यक्रम में वार्डन अर्चना सिंह, शिक्षिकाएं संगीता, दिव्या, अरविंद और संस्था कार्यकर्ता फरजान खान उपस्थित रहे। फरजान खान ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।