तोप सिंह, युवा मीडिया बाँदा(ब्यूरो)।बदौसा
सरकार द्वारा बदौसा ब्लॉक की घोषणा किए जाने के बाद से प्रशासनिक अधिकारियों की उपेक्षा के चलते स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। ब्लॉक कार्यालय के लिए अब तक बदौसा में जमीन का चिन्हीकरण न किए जाने के विरोध में “ब्लॉक बनाओ संघर्ष समिति” के बैनर तले भारी संख्या में लोगों ने धरना प्रदर्शन किया। धरना स्थल पर उपस्थित लोगों ने आरोप लगाया कि राजस्व अधिकारियों द्वारा अनैतिक दबाव के चलते बदौसा में मौजूद सरकारी जमीन को छिपाया जा रहा है, जिससे जनाक्रोश पनप रहा है। नवम्बर 2024 में शाशन द्वारा बदौसा को एक नया ब्लॉक बनाए जाने की घोषणा की गई थी, जिसके बाद से स्थानीय लोग ब्लॉक के कार्यालय के लिए भूमि चिन्हीकरण की मांग कर रहे थे।
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इसके बावजूद, अधिकारियों द्वारा बार-बार पत्र भेजने के बावजूद जमीन का चिन्हीकरण अब तक नहीं किया गया है। राजस्व अधिकारियों ने बदौसा में जमीन न होने का झूठा दावा करते हुए अलग-अलग स्थानों जैसे बरछा और तुर्रा में ब्लॉक बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा, जबकि बदौसा में सरकारी मिल्कियत की भूमि मौजूद है। ब्लॉक बनाओ संघर्ष समिति के बैनर तले धरना प्रदर्शन के दौरान स्थानीय लोगों ने मिल्कियत सरकारी भूमि से अवैध कब्जे हटाकर ब्लॉक मुख्यालय बनाने की प्रमुख मांग रखी। इसके अलावा, कल से क्रमिक अनशन करने का निर्णय लिया गया है, जिसे समिति के नेता श्यामाचरण बाजपेयी ने संबोधित किया। धरने के पहले दिन रामजस निषाद, संतोष कुशवाहा, साहब दीन त्रिपाठी, उमाशंकर बर्मा, मकबूल खान, व्यापारी मंडल के महामंत्री हरिओम बाजपेयी, होरी लाल गुप्ता, हरिशंकर द्विवेदी, चन्द्रपाल विश्वकर्मा, रामस्वरूप पांडेय सहित कई प्रमुख लोग अनशन स्थल पर उपस्थित रहे।