रवीन्द्र सिंह युवा मीडिया
भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर एवं अवध भारती संस्थान, अर्जुनगंज के तत्वावधान में जुटे अवधिया
लखनऊ। भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर (कर्नाटक) एवं अवध भारतीय संस्थान, अर्जुनगंज (लखनऊ) के तत्वावधान में “भाषा एवं प्रौद्योगिकी:अवधी के संदर्भ में” विषयक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
प्रेस क्लब में आयोजित इस विचार गोष्ठी में भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर के विषय विशेषज्ञ डॉ सत्येन्द्र अवस्थी ने कहा कि आज के डिजिटल युग में भाषा और प्रौद्योगिकी के मध्य अच्छा सामंजस्य होना नितांत आवश्यक है। ऐसा इसलिए क्योंकि भाषा जहां संचार का मूल माध्यम है वहीं, प्रौद्योगिकी इस संचार को नया आयाम देती है। अवधी के कवियों, लेखकों, कलाकारों को डिजिटल फ्रेंडली बनना होगा।

अवध भारती संस्थान के अध्यक्ष डॉ राम बहादुर मिश्र ने कहा कि प्रौद्योगिकी की बड़ी आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए अवध भारती संस्थान, लखनऊ (उत्तर प्रदेश) एवं भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर (कर्नाटक) ने इस विचार गोष्ठी का संयोजन किया है। विश्वास है कि अवधी प्रौद्योगिकी सँग कदमताल करेगी। हम इसको प्रौद्योगिकी से जोड़ने के लिए अलग-अलग स्थानों पर कार्यशाला करेंगे। अब हमको आधुनिक तकनीक को अपनाना ही होगा।
यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के लखनऊ मण्डल अध्यक्ष शिव शरण सिंह गहरवार ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि इस विचार गोष्ठी में अवधी भाषा के विकास, तकनीकी अनुप्रयोगों एवं उनके आपसी प्रभावों पर विचार-विमर्श किया गया। अवधी को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए जमीनी स्तर पर ठोस उपाय करने होंगे। हवा-हवाई बातों से कोई नतीजा नहीं निकलेगा। यूपी से अवधी आराधकों का 50 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर के दौरे पर जाना चाहिए।
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