प्रयागराज। देश की प्रतिष्ठित इंदिरा मैराथन इस साल अपनी 40वीं कड़ी में प्रवेश कर रही है। यह मैराथन हर साल की तरह 19 नवंबर को आयोजित की जाएगी। जिला प्रशासन, खेल विभाग और एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस बार भी मैराथन में देशभर से हजारों धावक हिस्सा लेंगे।
कहां से शुरू होगी मैराथन : मैराथन का शुभारंभ सुबह 6:30 बजे ऐतिहासिक आनंद भवन से होगा। यहां धावकों को फ्लैग-ऑफ किया जाएगा। इसके बाद दौड़ शहर की मुख्य सड़कों से होते हुए तय रूट पर आगे बढ़ेगी।
कुल दूरी कितनी होगी : इंदिरा मैराथन की दूरी हमेशा की तरह 42.195 किलोमीटर रहेगी। यह एक फुल मैराथन है, इसलिए इसमें भाग लेने वाले धावकों को पूरी दूरी तय करनी होगी।
रूट वही रहेगा जो पिछले साल था : इस बार भी मैराथन का रूट पिछले साल जैसा ही रखा गया है। धावक शहर के प्रमुख इलाकों—सिविल लाइंस, यूनिवर्सिटी रोड, कटरा, हाई कोर्ट और कई महत्वपूर्ण मार्गों से होते हुए मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में फिनिश करेंगे।
इलेक्ट्रॉनिक टाइमिंग चिप की सुविधा : दौड़ में इस बार भी इलेक्ट्रॉनिक टाइमिंग चिप का इस्तेमाल होगा। इसे धावकों के बिब नंबर में लगाया जाएगा। इससे उनके समय, स्पीड और पोज़िशन की सटीक जानकारी मिल सकेगी।
खास बात यह है कि धावक दौड़ के बाद इस चिप को स्मृति-चिह्न के रूप में रख सकते हैं।

इनामी राशि : इस बार कुल ₹9.75 लाख की इनामी राशि रखी गई है।
पुरुष और महिला दोनों वर्गों में इनाम समान है:
पहला स्थान: ₹2,00,000
दूसरा स्थान: ₹1,00,000
तीसरा स्थान: ₹75,000
चौथे से 14वें स्थान तक: ₹10,000 प्रति धावक
सुरक्षा और व्यवस्थाएं : रूट पर ट्रैफिक डायवर्जन लागू रहेगा। मेडिकल टीम, एम्बुलेंस और डॉक्टरों की पूरी व्यवस्था की गई है। धावकों के लिए पानी, एनर्जी ड्रिंक और हेल्प डेस्क उपलब्ध रहेंगे। पुलिस और स्वयंसेवक पूरे मार्ग पर तैनात रहेंगे।
पंजीकरण : ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण 18 नवंबर तक कराया गया। बड़ी संख्या में प्रोफेशनल और अमेचर धावकों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।
इंदिरा गांधी की जयंती पर आयोजित होती है यह मैराथन : इंदिरा मैराथन को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की याद में आयोजित किया जाता है। यह देश की कुछ चुनिंदा मैराथनों में से एक है, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में धावक भाग लेते हैं।
19 नवंबर को प्रयागराज खेल और फिटनेस का केंद्र बन जाएगा। सुबह-सुबह शुरू होने वाली यह मैराथन न सिर्फ खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा मंच है, बल्कि शहर की परंपरा और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा भी बन चुकी है। धावकों और दर्शकों में इसे लेकर खासा उत्साह है।

