Tuesday, September 23, 2025

एक्टर दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग करने वाले दो बदमाश मुठभेड़ में ढेर

गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा गैंग के सदस्य थे एक-एक लाख के इनामी
लखनऊ-बरेली। बरेली में बालीवुड अभिनेत्री दिशा पटानी के घर पर फायरिंग के मामले में एसटीएफ नोएडा की यूनिट की ट्रोनिका सिटी में बदमाशों से मुठभेड़ हो गई। पुलिस की गोली लगने से दो बदमाश ढेर हुए हैं। दोनों बदमाश गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा गिरोह के सक्रिय सदस्य थे। मारे गए आरोपियों ने ही दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग की थी। पकड़े गए बदमाशों की पहचान रोहतक के कान्ही निवासी रविंद्र पुत्र कल्लू और सोनीपत के गोहना रोड इंडियन कॉलोनी निवासी अरुण पुत्र राजेंद्र के रूप में हुई है। इन पर एक-एक लाख का इनाम था।
मुठभेड़ के दौरान बदमाशों की गोली लगने से दिल्ली पुलिस का एक कर्मचारी भी घायल हुआ है।

यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट और सीआई यूनिट दिल्ली की संयुक्त टीम ने ट्रॉनिका सिटी एरिया में बदमाशों की घेराबंदी की थी। लेकिन, बदमाशों ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। जवाब में दोनों को गोली लगी और जमीन पर गिर गए। पुलिस टीम ने दोनों को अस्पताल पहुंचाया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मौके से ग्लॉक, जिगाना पिस्टल और कारतूस बरामद हुए हैं। एक सफेद अपाचे मिली है। माना जा रहा है कि यही वो बाइक है, जिस पर वह बदमाश बरेली आए और फायरिंग करके वापस लौट गए थे। फायरिंग के वक्त घर में दिशा की बहन और पूर्व आर्मी अफसर खुशबू पाटनी, पिता रिटायर्ड डीएसपी जगदीश पाटनी, मां पद्मा पाटनी मौजूद थीं। गोली चलने की आवाज सुनकर सभी सहम गए। दिशा पाटनी मुंबई में थीं।


एसटीएफ के अनुसार, दोनों बदमाश सीसीटीवी में कैद हुए थे। अरुण सफेद शर्ट पहने था, रविंद्र नीले रंग की टीशर्ट में था। पहचान करने के बाद दोनों बदमाशों की लोकेशन ट्रेस की गई। मुठभेड़ में गोली लगने से दोनों की मौत हुई। अरुण और रविंद्र पेशेवर शूटर थे। बरेली में दिशा पटानी के घर पर हुई ताबड़तोड़ फायरिंग ने पूरे शहर में सनसनी फैला दी थी। हमले के बाद गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा गैंग ने सोशल मीडिया पर इसकी जिम्मेदारी ली थी और इसे अभिनेत्री की बहन खुशबू पटानी द्वारा कथावाचक प्रेमानंद महाराज और अनिरुद्धाचार्य पर की गई टिप्पणी का बदला बताया था। फायरिंग की जिम्मेदारी गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा गैंग ने ली। फेसबुक पोस्ट में लिखा कि संत प्रेमानंद महाराज और कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज पर टिप्पणी से नाराज होकर फायरिंग को अंजाम दिया गया है। यह सिर्फ एक ट्रेलर है। अगली बार ऐसी हरकत दोहराई गई तो किसी को जिंदा नहीं छोड़ा जाएगा।


पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी, ढाई हजार से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और रास्तों की जांच की गई। इसके साथ ही पड़ोसी राज्यों के क्राइम रिकॉर्ड से मिलान करके दो शातिर बदमाशों की पहचान की गई। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि रविंद्र जो रोहतक का रहने वाला है और अरुण पुत्र राजेंद्र जो सोनीपत का रहने वाला है ये दोनों बदमाश इस वारदात में शामिल थे। अधिकारियों का कहना है कि मुठभेड़ के बाद जांच में तेजी आएगी और गैंग के अन्य सदस्यों की भी जल्द गिरफ्तारी हो सकती है।

दिशा पाटनी के पिता से सीएम योगी ने की थी बात
12 सितंबर की सुबह तड़के अर्ली में बरेली के सिविल लाइंस इलाके में दिशा पाटनी के परिवार के घर के बाहर दो बाइक सवार अज्ञात बदमाशों ने 8-10 राउंड फायरिंग की। पुलिस के अनुसार, गोलीबारी सुबह करीब 3:45 बजे हुई, हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ था। इस घटना को लेकर दिशा पाटनी के पिता जगदीश सिंह पाटनी (रिटायर्ड डीएसपी) की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी बात हुई थी। सीएम योगी ने उन्हें सुरक्षा का पूरा भरोसा दिया था और अधिकारियों को मामले को लेकर तत्काल खुलासे और कार्रवाई का निर्देश दिया था।

ये था मामला
दरअसल पिछले दिनों कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज ने लड़कियों को लेकर एक विवादित बयान दिया था. एक व्यक्ति ने उनसे पूछा था कि जिस लड़की को वो घर लेकर आ रहे हैं, उस पर यकीन कैसे करें कि वो उनके घर के लिए सही है या नहीं। इस पर अनिरुद्धाचार्य जी ने कहा कि आजकल के लड़के 25-25 साल की लड़कियों को लेकर आते हैं, जो 4-5 जगह मुंह मारकर आती हैं।

दिशा की बहन खुशबू ने उनके इस बयान की आलोचना करते हुए उन्हें एंटी-नेशनल कहा था। साथ ही उन्होंने ये भी लिखा कि जो भी लोग अनिरुद्धाचार्य महाराज को सपोर्ट करते हैं, वो नामर्द हैं। ऐसे व्यक्ति का किसी भी हालत में समर्थन नहीं किया जाना चाहिए। जिस वक्त ये सब चल रहा था, उसी वक्त प्रेमानंद महाराज का भी एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। जिसमें उन्होंने लिव-इन रिलेशनशिप के बारे में बात की थी। उसे गलत बताया था ऐसे में खुशबू के बयान को प्रेमानंद महाराज से जोड़ दिया गया। हालांकि, खुशबू ने बाद में इस मामले पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा था कि उनका ये बयान प्रेमानंद महाराज के लिए नहीं, बल्कि अनिरुद्धाचार्य महाराज के लिए था। उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। मगर तब तक मामला तूल पकड़ चुका था।

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