प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तीन दिवसीय दौरे पर दक्षिण अफ्रीका रवाना हुए, जहां वे जोहान्सबर्ग में होने वाले 20वें G20 लीडर्स समिट में हिस्सा लेंगे। यह सम्मेलन कई मायनों में ऐतिहासिक माना जा रहा है क्योंकि पहली बार G20 शिखर सम्मेलन अफ्रीका महाद्वीप में आयोजित हो रहा है। सरकारी कार्यक्रम के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी इस सम्मेलन में वैश्विक अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, डिजिटल सुरक्षा और ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर भारत का दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे।
भारत की प्राथमिकताएँ : इस बार समिट का थीम “एकजुटता, समानता और स्थिरता” रखा गया है, जिसके तहत भारत विकासशील देशों की आवाज को और मजबूती से उठाएगा। मोदी ने प्रस्थान से पहले कहा कि भारत “वसुधैव कुटुंबकम—One Earth, One Family, One Future” की सोच को आगे बढ़ाएगा। इसके अलावा, वैश्विक दक्षिण (Global South) से जुड़े देशों के आर्थिक विकास, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा और जलवायु न्याय जैसे मुद्दे चर्चा के केंद्र में रहेंगे।
G20 में अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप की संभावित गैर-हाज़िरी चर्चा में : इस समिट को लेकर एक और बड़ा मुद्दा यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के G20 में शामिल न होने की संभावना जताई जा रही है, जिससे वैश्विक कूटनीति पर असर पड़ सकता है। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने भी पुष्टि की है कि वे अमेरिका को ‘खाली कुर्सी’ (empty chair) के रूप में G20 की अध्यक्षता सौंपेंगे।
दक्षिण अफ्रीका में उत्साह : अफ्रीका में पहली बार G20 आयोजन होने का महत्व काफी बड़ा है। दक्षिण अफ्रीका इस आयोजन को अपनी वैश्विक नेतृत्व क्षमता मजबूत करने के अवसर के रूप में देख रहा है। वहीं, भारत-अफ्रीका संबंधों को भी इस सम्मेलन के दौरान नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
मोदी की यात्रा का एजेंडा : प्रधानमंत्री के इस दौरे में कई द्विपक्षीय मुलाकातें भी प्रस्तावित हैं। जानकारी के मुताबिक, भारत और दक्षिण अफ्रीका व्यापार, निवेश, रक्षा सहयोग, फार्मा उद्योग, टेक्नोलॉजी और ऊर्जा सुरक्षा पर भी बातचीत करेंगे।
भारत के लिए यह G20 क्यों महत्वपूर्ण : तेजी से बढ़ती वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की भूमिका मजबूत करने का अवसर, ग्लोबल साउथ की आवाज को केंद्र में लाने का मौका, डिजिटल सुरक्षा, AI, साइबर क्राइम पर भारत के समाधान पेश करने का मंच, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और स्थिरता पर भारत के नेतृत्व का विस्तार


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