Sunday, November 2, 2025

ऑपरेशन लंगड़ा : मुनीम के साथ हुई लूट में शामिल इनामी बदमाश मुठभेड़ में गिरफ्तार

 दाहिने पैर में लगी गोली, मुनीम से 6.80 लाख की लूट कर फरार था बदमाश

लखनऊ। पीजीआई थाना अंतर्गत किसान पथ के समीप एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) और बाइक सवार लुटेरे के बीच मुठभेड़ हो गई। इसके बाद लुटेरा एसटीएफ टीम पर फायरिंग कर वहां से भागने लगा। हालांकि, एसटीएफ ने ऑपरेशन लंगड़ा के तहत जबावी कार्रवाई कर लुटेरे के पैर में गोली मार उसे गिरफ्तार कर लिया है। लुटेरे ने अपने साथियों के संग मिलकर विकासनगर में एक सर्राफा कारोबारी के मुनीम से करीब साढ़े छह लाख रुपये लूट लिए थे। हालांकि, स्पेशल टास्क फोर्स ने वारदात में शामिल चार बदमाशों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मंगलवार को एक लाख रुपये के इनामिया को भी गिरफ्तार कर लिया था।

 

एसटीएफ प्रभारी निरीक्षक हेंमत भूषण सिंह के मुताबिक, मुखबिर की मदद से लूटकांड में शामिल एक लाख रुपये के इनामिया वैभव सिंह की लोकेशन पीजीआई में मिली थी। जिसके बाद टीम के सदस्यों ने किसान पथ के पास घेराबंदी कर दी। टीम को देख लुटेरे ने बाइक की रफ्तार बढ़ दी।

इसके बाद टीम ने उसका पीछा किया तब लुटेरा फायरिंग करने लगा। जिसके बाद एसटीएफ ने जबावी कार्रवाई करते हुए लुटेरे के दाहिने पैर में गोली मार उसे गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद उसे एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया है। बदमाश के पास से पिस्टल, वारदात में इस्तेमाल हुई बाइक और कारतूस बरामद हुए हैं।

पुलिस पेट्रोलिंग पर खड़े हुए थे सवाल

28 मार्च को विकासनगर इलाके में चौक के सर्राफा कारोबारी राकेश अग्रवाल के मुनीम 6.80 लाख रुपये लेकर लौट रहे थे। तभी बाइक सवार बदमाशों ने असलहे के बल पर मुनीम से रुपयों का थैला छीन लिया था। इसके बाद लुटेरे वहां से भाग निकले थे। हालांकि, इस वारदात ने पुलिस पेट्रोलिंग पर सवाल खड़े कर दिए थे। जिसके बाद स्पेशल टास्क फोर्स को मामले की जांच सौंप दी गई थी। जिसमें उन्नाव जनपद के औरास थाना निवासी प्रेम बहादूर सिंह, सोंनेद्र सिंह और हरदोई जनपद के गौरव मिश्र की गिरफ्तारी की जा चुकी है।

ड्राइवर ने भाई के साथ मिलकर बनाई थी लूट की योजना

28 मार्च को व्यापारी पंकज अग्रवाल के मुनीम अमित सैनी से बदमाशों ने करीब छह लाख 80 हजार रुपये लूटे थे। वारदात की साजिश व्यापारी के ड्राइवर प्रेम बहादुर ने रची थी। सोनेंद्र ने दो लोगों के बस का काम न होने की बात कहकर 4-5 लोग और जोडऩे की बात कही। इसके बाद सोनेंद्र ने गौरव मिश्रा और अन्य लोगों को तैयार किया। सोनेंद्र सिंह को रुपए लाने वाले आदमी के बारे में और मोटरसाइकिल का नम्बर की जानकारी दी गई।

फिर गैंग में शामिल सोनेंद्र, वैभव सिंह, सुशील मिश्रा, सतीश सिंह अनुज मौर्या और गौरव मिश्रा ने रेकी करके लूट की घटना को अंजाम दिया था। एसटीएफ ने 30 मार्च को प्रेम बहादुर, उसके भाई सोनेंद्र सिंह और गौरव मिश्र को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। आरोपियों से पूछताछ में हरदोई मझिगवां निवासी वैभव सिंह, प्रतापगढ़ जेठवारा निवासी सुशील मिश्र, जौनपुर मडिय़ाहूं निवासी सतीश सिंह और जौनपुर उतरगांव निवासी अनुज मौर्या के शामिल होने का पता चला था। एक अप्रैल को एसटीएफ ने चारों पर एक-एक लाख का इनाम घोषित किया था।

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