यह त्यौहार कम से कम 2017 से ही राजनीतिक और सांप्रदायिक तनाव का विषय रहा है, जब हिंदू संगठनों ने पहली बार बंगाल में इसे बड़े पैमाने पर आयोजित किया था।
रामनवमी पर VHP ने 2,000 से ज़्यादा रैलियाँ, 200 झांकियाँ और रामनवमी पर पूरे राज्य में 5,000 जगहों पर श्री राम महोत्सव मनाने की घोषणा की है।
पिछले एक दशक में, जैसे-जैसे रामनवमी पश्चिम बंगाल में एक त्यौहार के रूप में विकसित हुई है, वैसे-वैसे इसके साथ सांप्रदायिक तनाव और हिंसा की घटनाएँ भी बढ़ी हैं।
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इस बार भी कुछ अलग नहीं है, मालदा जिले के मोथाबारी इलाके में तनाव है और 6 अप्रैल को त्यौहार से पहले तृणमूल कांग्रेस और भाजपा एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं।