लखनऊ। मुख्तार अंसारी गैंग के शार्प शूटर शाहरुख पठान को एसटीएफ ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। शाहरुख मुजफ्फरनगर का रहने वाला था। मुठभेड़ सोमवार सुबह मुजफ्फरनगर के छपार थाना क्षेत्र के रोहाना मार्ग पर हुई है। घटनास्थल से एक कार, पिस्टल और भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुए।
एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश के मुताबिक इनपुट मिला था कि शूटर शाहरुख पठान मुजफ्फरनगर में मौजूद है। इसके बाद टीम ने घेराबंदी की। खुद को घिरा देख शाहरुख ने कार से ही फायरिंग शुरू कर दी। खुद को घिरता देख शाहरुख ने फायरिंग शुरू कर दी। एसटीएफ ने भी जवाबी कार्रवाई की। कार में फ्रंट शीशे पर दो बुलेट लगी। फायरिंग में शाहरुख को भी गोली लगी। पुलिस उसे नजदीकी अस्पताल ले गई। वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
मुठभेड़ स्थल से एसटीएफ ने बड़ी मात्रा में हथियार और कारतूस बरामद किए। जिसमें 30 एमएम बरेटा पिस्टल (शुरुआती कीमत 85 हजार रुपये), 32 एमएम ऑर्डिनेंस रिवाल्वर, 9 एमएम देसी पिस्टल, बिना नंबर की मेटेलिक कलर की ब्रेजा कार, 7 जि़ंदा कारतूस (9 एमएम), 10 जिंदा, कारतूस (32 एमएम), 46 जिंदा कारतूस (30 एमएम), 6 खोखा कारतूस (32 एमएम) थे।
शाहरुख पर लूट, हत्या और गैंगस्टर एक्ट के 12 से अधिक गंभीर मामले दर्ज थे। करीब डेढ़ साल से वह फरार चल रहा था। शाहरुख सुपारी लेकर हत्या करने से लेकर अन्य संघीन वारदातों को अंजाम देता था। वह मुख्तार अंसारी और संजीव जीवा गैंग का सदस्य था।
पंचर की दुकान चलाई, फिर बड़ी घटनाओं को अंजाम देने लगा
शाहरुख के एनकाउंटर की खबर आते ही उसके घर के पास लोगों की भीड़ लग गई। लोगों ने बताया कि 65 साल के आमिर आजम ने शाहरुख को गोद लिया था। जुर्म की दुनिया में आने से पहले वो उनके साथ मिलकर साइकिल पंक्चर की दुकान चलाता था। इसके बाद वह चोरी करने लगा। कई चोरियों के बाद भी जब पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी ,तो उसने बड़ी वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया। इस तरह वह संजीव जीवा गैंग की नजर में आया और फिर उसी गैंग के लिए काम करने लगा।
कैदी को रेलवे स्टेशन पर गोलियों से भूनकर चर्चा में आया
पहली बार 2015 में शाहरुख का नाम क्राइम की दुनिया में चर्चा में आया। बिजनौर जेल से पेशी पर आए बंदी आसिफ जाहिदा को मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर पुलिस के सामने ही गोलियों से भून दिया था। इसके बाद शाहरुख कोर्ट में पेश होकर जेल चला गया था और पुलिस की कस्टडी से फरार हो गया था।
हरिद्वार में कंबल व्यापारी की हत्या
शाहरुख ने फरार होने के बाद 2017 में हरिद्वार में कंबल व्यापारी गोल्डी की हत्या कर दी थी। उसी साल उसने आसिफ जायदा मर्डर केस में गवाह रहे आसिफ के पिता की भी हत्या कर दी। इस वारदात के बाद उस पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था बाद में गिरफ्तार होकर वह जेल गया और गोल्डी मर्डर केस में उम्रकैद की सजा हो गई। करीब छह महीने पहले शाहरुख जमानत पर जेल से बाहर आया और फिर से गवाहों को धमकाने और हत्या की कोशिशों में जुट गया था।
संभल जिले के बनियाठेर में उस पर हत्या के प्रयास और धमकी देने का मामला दर्ज हुआ था, जिसमें वह वांछित चल रहा था।