लखनऊ। कानपुर कमिश्नरेट के चार साल पूरे होने पर आयोजित स्थापना दिवस कार्यक्रम में राज्यमंत्री समाज कल्याण असीम अरूण व यूपी पुलिस के महानिदेशक प्रशांत कुमार पहुंचे। कार्यक्रम के दौरान पुलिस ने अपनी उपलब्धियां गिनाई। वहीं डीजीपी ने टीएसएच का भ्रमण किया और यहां की अत्याधुनिक खेल संरचनाओं का बारीखी से जायजा लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि उच्चशिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, राज्यमंत्री समाज कल्याण असीम अरूण व डीसीपी प्रशान्त कुमार द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। कार्यक्रम का संचालन पुलिस आयुक्त कानपुर नगर द्वारा किया गया। कार्यक्रम के दौरान कानपुर पुलिस कमिश्नरेट की उपलब्धियों एवं भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा की गयी। पुलिस कमिश्नरेट का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया गया।
राज्यमंत्री असीम अरूण व डीजीपी ने कार्यक्रम में की शिरकत
राज्यमंत्री समाज कल्याण असीम अरूण ने बधाई देते हुए कहा गया कि यह पुलिस परिवार के लिए गर्व का विषय है कि जिस तरह से आपने एक सफल पुलिस अधिकारी के रूप में कार्य किया है उसी प्रकार एक सफल मंत्री के रूप में भी अपने दायित्वों को निभा रहे हैं और जनता की सेवा कर रहे हैं। डीजीपी ने प्रशांत कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा गया कि आज का दिन हम सभी के लिए गर्व, संतोष और आत्ममंथन का दिन है। एक ओर जहां उत्तर प्रदेश सरकार, जो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, आठ वर्ष पूरे कर रही है, साथ ही साथ हम लोग कानपुर पुलिस कमिश्नरेट की स्थापना को भी चार वर्ष पूरे कर रहे है।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने विशेष रूप से टीएसएच की शूटिंग रेंज में निशानेबाजी का अनुभव लिया और सराहना की। इसके अतिरिक्त, उन्होंने स्क्वैश कोर्ट और क्रिकेट ग्राउंड का भी निरीक्षण किया और वहां उपलब्ध सुविधाओं को अत्यंत प्रभावशाली बताया। डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि टीएसएच जैसे विश्वस्तरीय खेल केंद्र न केवल खिलाडिय़ों के प्रशिक्षण में सहायक होते हैं, बल्कि प्रदेश में खेल संस्कृति को भी बढ़ावा देते हैं। उन्होंने द स्पोर्ट्स हब में उपलब्ध सभी खेल सुविधाओं को एक ही छत के नीचे देखने पर हर्ष व्यक्त किया और कहा कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में इस प्रकार की खेल संरचनाएं होनी चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इससे प्रदेश में खेल प्रतिभाओं को नई ऊंचाइयां मिलेंगी और राज्य में खेलों का स्तर और ऊंचा उठेगा। इस अवसर पर पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार, एडीजी आलोक सिंह, टीएसएच के निदेशक प्रणीत अग्रवाल उपस्थित रहे।
8 वर्ष में 02 लाख 15 हजार से भी अधिक पुलिसकर्मी भर्ती
डीजीपी ने कहा कि 50 वर्ष के इंतजार के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस को पुलिस कमिश्नरी का तोहफा मुख्यमंत्री ने दिया और पहले चरण में दो कमिश्नरी बने और द्वितीय चरण में कानपुर की कमिश्नरी हुई। जो सीनियर पुलिस अफसर होते है उन्हीं को कमिश्नरी का दायित्व दिया जाता है, पिछले 08 वर्ष में पूरे तरीके से पारदर्शी भर्ती के बाद 02 लाख 15 हजार से भी अधिक पुलिसकर्मी भर्ती किए गए हैं जहां किसी भी तरह की कोई शिकायत नहीं है।
हमारे पुलिस कर्मियों की संख्या लगभग 04 लाख से अधिक है जिसमें से 2,15,000 से अधिक नए पुलिस कर्मी हैं। 2017 में पुलिस बल में बेटियों की संख्या सिर्फ 10,000 थी और उसके बाद से 30,000 महिलाओं की भर्ती हुई और अभी जो 60,000 भर्ती हुई है उसमें 12,000 से अधिक हमारी महिलाएं उसमें उत्तीर्ण हुई है तो कुल मिलाकर आज के दिन में हमारी लगभग 50,000 महिला का संख्या बल है।
14 महीनों में 79,000 लोगों को सजा दिलाई
महिला के लिए मिशन शक्ति की एक बहुत बड़ी महत्वाकांक्षी योजना जो सरकार ने चलाई है इसमें महिला सुरक्षा, सम्मान और उसके स्वावलंबन इन तीनों मुद्दों पर सरकार पूरी तरीके से कटिबद्ध है और इस दौरान महिलाओं के अपराधों में सजा की दर अगर हम देखें तो पूरे देश में उत्तर प्रदेश नंबर वन स्थान पर है। पिछले 14 महीनों में हम लोगों ने 79,000 लोगों को सजा दिलाई है जिसमें से 65 से अधिक मृत्यु दंड भी है।