Saturday, December 6, 2025

पीड़ित बच्चों व उनके अभिभावकों के लिए कैसे रोशनी की एक किरण साबित हो रहे हैं

जवाब: साल 2023 में हमने द होप फाउंडेशन द्वारा संचालित एवं प्रबंधित ‘द होप रिहैबिलिटेशन एंड लर्निंग सेंटर’ की नींव रखी। इन तीन सालों में ऑटिज्म और अटेंशन डेफ़िसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (एडीएचडी) जैसे न्यूरोडेवलपमेंटल डिसऑर्डर से जुड़े कई मरीजों को थेरेपी के माध्यम से मेन स्ट्रीम में लाने की कोशिश की गई। इन तीन सालों में 40 ऑटिस्टिक बच्चों को मेन स्ट्रीम में भेजने की सफलता मिली है।

Read alsoहैदराबाद विश्वविद्यालय में तनाव, परिसर के बगल की जमीन पर बुलडोजर का छात्रों ने किया विरोध

हालांकि, हमारी टीम इस आंकड़े को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है। जो 40 बच्चे मेन स्ट्रीम में पहुंच चुके हैं, उनका परफॉरमेंस माइल्स स्टोन अचीव कर रहा है। दरअसल, ये बच्चे यूं ही नहीं स्पेशल कहलाते हैं, इनके अन्दर खूबियां होती हैं, हमारी कोशिशें रहती हैं कि इन खूबियों को उजागर करें जिससे इन स्पेशल बच्चों का वर्तमान और भविष्य संवरे।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Connect with us

56,556FansLike
84,685FollowersFollow
56,842SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles