क्रिप्टो मार्केट में आज बड़ी उथल-पुथल देखने को मिली है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी एथेरियम (Ethereum / ETH) की कीमत तेज गिरावट के साथ करीब 2,671 डॉलर तक पहुंच गई। यह गिरावट 24 घंटे में लगभग 5.6% की मानी जा रही है। मार्केट में अचानक आई इस गिरावट ने सिर्फ ETH ही नहीं, बल्कि अन्य ऑल्टकॉइन्स और बिटकॉइन की स्थिति को भी प्रभावित किया है। निवेशकों में अनिश्चितता और डर साफ नजर आ रहा है।
ETH की कीमत क्यों गिर रही है? रिपोर्ट्स और एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस भारी गिरावट के पीछे कई वजहें हैं:
1. ग्लोबल मार्केट में जोखिम बढ़ा, अमेरिका और यूरोप में आर्थिक अनिश्चितता बढ़ने से निवेशक सुरक्षित संपत्तियों की ओर जा रहे हैं।
2. क्रिप्टो मार्केट में सेल-ऑफ ट्रेंड, बड़े निवेशकों (व्हेल्स) द्वारा भारी मात्रा में ETH बेचने से कीमत में तेज गिरावट आई।
3. रेग्युलेटरी भय, अमेरिका और एशिया के कुछ देशों में कड़े क्रिप्टो नियमों की चर्चा से भी बाजार का भरोसा डगमगाया।
4. बिटकॉइन की कमजोरी का असर, BTC में गिरावट आए तो ETH सहित बाकी टोकन्स पर भी सीधा प्रभाव पड़ता है।
क्या ETH और नीचे जा सकता है? मार्केट विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि: अगर ETH 2,650 डॉलर के सपोर्ट को तोड़ता है, तो कीमत 2,400–2,500 डॉलर तक जा सकती है। वहीं रिकवरी के लिए 2,800 डॉलर का लेवल महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट अल्पकालिक भी हो सकती है—लेकिन मौजूदा डेटा कमज़ोरी की तरफ इशारा करता है।
भारत में निवेशकों पर क्या असर ? भारत में क्रिप्टो ट्रेडिंग पर 30% टैक्स और TDS पहले से ही दबाव डालते हैं।
अब ETH गिरने से: रिटेल निवेशकों में डर बढ़ा, वॉलेट्स में होल्डिंग वैल्यू कम हुई, नए निवेशक फिलहाल सावधानी बरत रहे हैं, कई भारतीय निवेशक इस गिरावट को “डिप पर खरीदने का मौका” भी मान रहे हैं।
क्या ETH रिकवर होगा ? रिकवरी कई वजहों पर निर्भर करेगी:
ग्लोबल मार्केट की स्थिति, क्रिप्टो रेग्युलेशन अपडेट, बिटकॉइन की दिशा, एथेरियम नेटवर्क के अपग्रेड्स, ट्रेडिंग वॉल्यूम
फिलहाल ETH बियरिश ट्रेंड में दिख रहा है।
एथेरियम की कीमत में आई यह गिरावट क्रिप्टो मार्केट की अस्थिरता को एक बार फिर सामने लाती है। निवेशकों को सतर्क रहकर ट्रेड करना चाहिए और मार्केट ट्रेंड पर नज़र रखनी चाहिए।

