वर्टिकल व्यवस्था के खिलाफ असहयोग आंदोलन का ऐलान
मंजूरुल हसन (राना) युवा मीडिया
लखनऊ।उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ, लखनऊ ने जनपद में लागू होने जा रही नई ‘वर्टिकल व्यवस्था’ के विरोध में एक बड़ा कदम उठाया है। संघ ने आज, दिनांक 26 अक्टूबर 2025 को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए घोषणा की है कि 1 नवंबर 2025 से लखनऊ में विरोध प्रदर्शन और असहयोग आंदोलन शुरू किया जाएगा।
प्रदेश महामंत्री देवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने इसकी आधिकारिक घोषणा करते हुए बताया कि पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन द्वारा लागू की जा रही वर्टिकल व्यवस्था कर्मचारियों के हितों के खिलाफ है और इससे उनकी नौकरी खतरे में पड़ जाएगी।
वर्टिकल व्यवस्था का विरोध क्यों?
कर्मचारी संघ का दावा है कि इस नई व्यवस्था के लागू होने से न केवल बिजली व्यवस्था और राजस्व वसूली पर बुरा असर पड़ेगा, बल्कि हजारों आउटसोर्स/संविदा कर्मचारियों की नौकरी भी जा सकती है। संघ के अनुसार, यह व्यवस्था कार्यक्षेत्र को बहुत बड़ा कर देगी, जिससे कर्मचारियों को उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान में अधिक समय लगेगा और कार्य करना कठिन होगा। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, इस व्यवस्था से लखनऊ में 3613 से 4620 तक आउटसोर्स कर्मचारियों के बेरोजगार होने का खतरा है।
क्या है ‘वर्टिकल व्यवस्था’?
वर्टिकल व्यवस्था के तहत, बिजली विभाग के कार्यों को एकीकृत रूप से संचालित करने के लिए काम के आधार पर दो हिस्सों में बांटा जा रहा है। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को अलग-अलग कार्यालयों के चक्कर लगाने से मुक्ति दिलाना बताया गया है। इस नई संरचना में, विभागीय कामकाज जैसे बिलिंग, कनेक्शन, सप्लाई, और मेंटीनेंस अब अलग-अलग अधिकारियों के अधीन होंगे, और उपभोक्ताओं को सीधे संपर्क के बजाय हेल्पलाइन नंबर 1912 या हेल्पडेस्क सेंटरों का सहारा लेना होगा।
हालांकि, कर्मचारी संघ का आरोप है कि यह निजी कंपनियों के दबाव में लाया गया एक ऐसा कदम है, जो बिजली उपभोक्ताओं को अधिक समस्याएं देगा और आउटसोर्स कर्मचारियों की दुर्घटनाओं में वृद्धि करेगा। इससे पहले कानपुर, मेरठ, अलीगढ़ और बरेली में भी यह व्यवस्था लागू की गई थी, जिसके असफल रहने के दावे किए गए हैं।
आंदोलन की रणनीति
प्रदेश महामंत्री देवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने स्पष्ट किया है कि यदि पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन वर्टिकल व्यवस्था लागू करने के अपने आदेश को वापस नहीं लेता है, तो संघ 1 नवंबर 2025 से विरोध प्रदर्शन करते हुए असहयोग आंदोलन शुरू कर देगा। इस आंदोलन से लखनऊ की बिजली आपूर्ति और विभागीय कामकाज पर गंभीर असर पड़ सकता है।

