भ्रष्ट प्रिंसिपल ने वेबसाइट से हटवाई डॉक्टरों की सूची
एक लाइब्रेरियन व स्वाजातिय लिपिक के बल पर अब चल रहा भ्रष्टाचार का खेल
युवा मीडिया
सुलतानपुर (ब्यूरो)। बहुचर्चित भ्रष्ट प्रिंसिपल डॉ. सलिल श्रीवास्तव के कार्यकाल में शासनादेश की जिस प्रकार मखौल उड़ाया गया। उससे सरकार के जीरो टॉलरेंस नीति पर सवाल उठने लगा है। दुबेपुर स्थित ए.एस.एम.सी. सुलतानपुर डिपार्टमेंट फैक्यूलिटी व राजकीय मेडिकल कॉलेज में उनके द्वारा लगभग 148 डॉक्टर नियुक्त किए गए हैं।
इनमें जेआर डॉक्टरों की नियुक्ति ऐसे स्थानो पर की है जहां जरूरत ही नहीं है। बता दें कि मेडिकल कॉलेज में 21 विभागो में ये नियुक्त की गई है। खबर आने के बाद सूची को सरकारी वेबसाइट से हटा दिया गया है। ऐसा क्यों और किसे बचाने के लिए किया गया ये जांच का गंभीर विषय है। वहीं सूत्रों की माने तो जेआर डॉक्टरों में बहुत से ऐसे डॉक्टर हैं जो ड्यूटी पर आते ही नहीं। इनसे मोटी रकम लेकर एक लाइब्रेरियन व स्वाजातिय लिपिक भ्रष्ट प्रिंसिपल को प्रतिमाह पहुंचा देते हैं।
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जिससे प्रिंसिपल डॉक्टर और लाइब्रेरियन व स्वाजातिय लिपिक सभी की जेबे गर्म हो रही हैं। डीएम व शासन स्तर के अधिकारी अगर गहनता से इसकी जांच करा लें सच्चाई सामने होगी। बहुत से डॉक्टर ऐसे हैं जो राजनीतिक दलों के परिवार से आते हैं या फिर प्रतिष्ठि चिकित्सको के परिवार से जिन्हें ड्यूटी नहीं करने और प्राइवेट प्रैक्टिस करने की प्रिंसिपल ने खुली छूट दे रखा है। इस भ्रष्टाचार व प्रिंसिपल के आय से अधिक सम्पति के मामले में शपथ पत्र युक्त शिकायती पत्र संबंधित फोरम में देने की भी तैयारी है।
वैसे स्वास्थ्य विभाग और राजकीय मेडिकल कॉलेज में चल रहे बड़े भ्रष्टाचार में अगर आपके पास भी कुछ जरुरी दस्तावेज हैं तो आप हमें इस नंबर 9792769999 पर उपलब्ध करा सकते हैं। हम आपकी गोपनीयता का पूरा ध्यान रखेंगे। भ्रष्टाचार से जुड़े ऐसे मामलो में क्रमशः देखते रहिए हमारी खबर….!!