Saturday, November 1, 2025

भारत-पाकिस्तान में प्रदूषण संकट: अफगानिस्तान क्यों है तुलनात्मक रूप से साफ़?

दक्षिण एशिया आज दुनिया के सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में गिना जा रहा है। हालिया रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश, पाकिस्तान और भारत क्रमशः विश्व के सबसे प्रदूषित देशों में शीर्ष पर हैं। भारत की राजधानी दिल्ली और पाकिस्तान का लाहौर लगातार “खतरनाक श्रेणी” के AQI स्तर दर्ज कर रहे हैं।
दिल्ली का औसत AQI अक्टूबर 2025 में 224 तक पहुंच गया, जो पिछले पाँच वर्षों में दूसरा सबसे प्रदूषित अक्टूबर रहा। वहीं पाकिस्तान के लाहौर शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 600 से अधिक दर्ज किया गया, जिसे नासा के सैटेलाइट से भी देखा जा सकता है।

 प्रदूषण के  कारण

भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में प्रदूषण की समस्या के प्रमुख कारण समान हैं —

  • पराली जलाना (खासतौर पर पंजाब-हरियाणा और पाक-पंजाब क्षेत्र में)

  • भारी वाहन और औद्योगिक उत्सर्जन

  • कोयला-आधारित बिजली संयंत्र

  • बढ़ती आबादी और शहरीकरण

  • कमजोर नीति-कार्यान्वयन और सीमा-पार प्रदूषण नियंत्रण की कमी

इन सबके कारण हवा में महीन कण (PM2.5) और नाइट्रोजन-ऑक्साइड का स्तर लगातार बढ़ रहा है।

 स्वास्थ्य पर असर

वायु प्रदूषण अब केवल पर्यावरणीय नहीं, बल्कि स्वास्थ्य आपदा बन चुका है।
भारत में 2022 में प्रदूषण के कारण अनुमानतः 17 लाख से अधिक लोगों की समय-पूर्व मृत्यु हुई।
डॉक्टरों के अनुसार, दिल्ली और लाहौर में श्वसन रोग, आंखों की जलन, हृदय रोग और बच्चों में अस्थमा के मामलों में तेज़ वृद्धि देखी जा रही है।

अफगानिस्तान क्यों कम प्रदूषित है?

अफगानिस्तान में प्रदूषण का स्तर भारत-पाकिस्तान की तुलना में कुछ बेहतर है। इसके प्रमुख कारण हैं —

  • कम जनसंख्या घनत्व

  • सीमित औद्योगिक गतिविधियाँ

  • ऊँचाई वाले भू-भाग में हवा का बेहतर प्रवाह
    हालाँकि, अफगानिस्तान के कई हिस्सों में धूल और ठोस ईंधन (बायो-फ्यूल) जलाने से स्थानीय स्तर पर प्रदूषण की समस्या मौजूद है।


 समाधान ?

  • पराली जलाने पर सख्त नियंत्रण और वैकल्पिक उपयोग की तकनीकें अपनाना

  • सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना

  • औद्योगिक उत्सर्जन पर सख्त निगरानी

  • भारत-पाकिस्तान सीमा क्षेत्रों में संयुक्त प्रदूषण नियंत्रण समझौते

  • नागरिकों द्वारा वृक्षारोपण और पर्यावरण-जागरूकता अभियान

वायु प्रदूषण अब सीमाओं से परे जा चुका है। भारत और पाकिस्तान को मिलकर इस संकट से निपटने के लिए क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाना होगा। अफगानिस्तान भले ही फिलहाल थोड़ी बेहतर स्थिति में है, पर भविष्य में उसे भी प्रदूषण-नियंत्रण नीति को प्राथमिकता देनी होगी।

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