Wednesday, December 31, 2025

वर्ष 2025: पुलिस मुठभेड़ में 48 अपराधी ढेर

लखनऊ। अत्याधुनिक तकनीक और जीरो टॉलरेंस नीति के तहत उत्तर प्रदेश पुलिस ने वर्ष 2025 में अपराध और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण ने बुधवार को पुलिस मुख्यालय में पत्रकारों से वार्ता के दौरान बताया कि वर्ष 2025 में पुलिस मुठभेड़ों में 48 कुख्यात अपराधी मारे गए। वहीं बीते आठ वर्षों में पुलिस मुठभेड़ में 266 अपराधी ढेर हुए हैं और 10,990 अपराधी घायल किए गए हैं।

 डीजीपी ने गिनाईं यूपी पुलिस की उपलब्धियां

डीजीपी ने बताया कि पुलिस के सुदृढ़ीकरण के लिए बजट को दोगुना किए जाने का सकारात्मक असर जमीनी स्तर पर दिख रहा है। इसका परिणाम अपराधियों को सजा दिलाने की दर में बढ़ोतरी और जघन्य अपराधों में कमी के रूप में सामने आया है। वर्ष 2025 में प्रदेश में डकैती की कुल 23, लूट की 610, हत्या की 2358 और दुष्कर्म के 1487 घटनाएं दर्ज हुई है। जिनमें पूर्व वर्षों की तुलना में 50 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है।
डीजीपी राजीव कृष्ण के मुताबिक बीते आठ वर्षों में प्रदेश दंगा मुक्त हुआ है। अपराधियों को सजा दिलाने से लेकर महिलाओं व बच्चों के साथ होने वाले अपराधों में 34 प्रतिशत तक की कमी दर्ज करने में उल्लेखनीय सफलता मिली है।

डीजीपी ने बताया कि प्रदेश के सूचीबद्ध 68 माफिया व अन्य अपराधियों की काली कमाई से जुटाई गईं लगभग 146 अरब की संपत्तियां जब्त, ध्वस्त व कब्जा मुक्त कराई गई हैं। आपरेशन कन्विक्शन के तहत एक जुलाई 2023 से 28 दिसंबर के मध्य 1,25,985 आरोपियों को सजा सुनिश्चित कराई गई। इनमें 79 को मृत्यु दंड व 10,414 आजीवन कारावास की सजा दिलाई गई।

डीजीपी ने दावा किया कि डकैती, हत्या, लूट, दुष्कर्म व अन्य जघन्य अपराधों में कमी दर्ज की गई है। एनसीआरबी के आंकड़े इसके गवाह हैं। अपराधियों के विरुद्ध निरोधात्मक कार्रवाई का दायरा भी बढ़ा है। अवैध धर्मांतरण के मामले में इस वर्ष विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के तहत कुल 475 मुकदमे दर्ज कर 855 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। जबकि गौतस्करी व गौकशी के मामलों में 1197 मुकदमे दर्ज कर 3128 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। कहा कि महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन के उद्देश्य से शुरू किए गए मिशन शक्ति अभियान के भी लगातार बेहतर परिणाम मिल रहे हैं। दुष्कर्म, दहेज हत्या, घरेलू हिंसा व अपहरण जैसे अपराधों में कमी दर्ज की गई है।

 साइबर अपराध पर नकेल कसने को खास प्रयास

डीजीपी ने कहा कि साइबर अपराध को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखकर योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई की जा रही है। इसाइबर अपराध की शिकायतों में अधिक तत्परता से कार्रवाई के लिए काल सेंटर में 10 हजार काल प्रतिदिन रिसीव किए जाने की क्षमता की गई है। इस वर्ष नया काल सेंटर बनाकर यह क्षमता बढ़ाकर 40 हजार किए जाने की तैयारी है।

इस वर्ष हेल्पलाइन नंबबर 1930/एनसीआरपी के माध्यम से साइबर ठगी के मामलों में लगभग 325.25 करोड़ रुपये की धनराशि फ्रीज कराई गई, जबकि 77,621 मोबाइल नरंबर ब्लाक कराए गए और 17,692 आईएमईआई नंबर ब्लाक कराये गए। डीजीपी ने कहा कि इस वर्ष यक्ष ऐप व एआइ की सहायता से पुलिसिंग को और आधुनिक किया जाएगा। एटीएस ने इस वर्ष विभिन्न आतंकी संगठनों के सक्रिय सदस्यों समेत 81 आरोपितों को गिरफ्तार किया।

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