देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo पिछले कुछ दिनों से भारी परेशानी में है। शनिवार, 6 दिसंबर 2025 को अकेले 385 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। इससे पूरे देश में यात्री फंस गए और एयरपोर्ट पर अव्यवस्था की स्थिति बन गई। IndiGo ने लगातार कई उड़ानें रद्द कर दीं। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई के एयरपोर्ट सबसे ज्यादा प्रभावित रहे। दिल्ली एयरपोर्ट के सभी टर्मिनलों पर लंबी कतारें लगी रहीं। कई लोगों की कनेक्टिंग फ्लाइट्स छूट गईं और सामान मिलना भी देर से हुआ।
IndiGo की परेशानी नए पायलट नियम (FDTL) के कारण बढ़ी। ये नियम 1 नवंबर से लागू हुए थे।
इन नियमों में— पायलटों के काम करने के समय में बदलाव हुआ, रात की उड़ानों पर सीमाएँ तय की गईं, पायलटों को अधिक आराम समय देना जरूरी हो गया, IndiGo समय पर अपने पायलटों और क्रू का नया रोस्टर नहीं बना सकी। इससे पायलटों और क्रू की कमी हो गई, और उड़ानें रद्द करनी पड़ गईं।
यात्रियों को क्या समस्या हुई : उड़ानें कम होने की वजह से टिकटों की मांग बहुत बढ़ गई। इससे कई रूट पर किराए 5–10 गुना तक बढ़ गए, दिल्ली–मुंबई का टिकट ₹38,000 से ₹83,000 तक पहुंच गया, सामान्य दिनों में यही टिकट ₹2,500–₹4,000 में मिल जाता है, बहुत से लोगों को अंतिम समय में टिकट ही नहीं मिला
सरकार और IndiGo ने क्या कदम उठाए :
किराया नियंत्रण : सरकार ने सभी एयरलाइंस को आदेश दिया कि वे मनमाना किराया न वसूलें। यानी टिकटों की अधिकतम कीमत तय कर दी गई।
पायलट नियमों में अस्थायी राहत : FDTL नियमों को फिलहाल IndiGo के लिए कुछ समय के लिए रोक दिया गया, ताकि उड़ानें सामान्य हो सकें।
यात्रियों को रिफंड और राहत
IndiGo ने घोषणा की— 5 से 15 दिसंबर के बीच रद्द उड़ानों का पूरा पैसा वापस मिलेगा, टिकट बदलने (Reschedule) पर कोई शुल्क नहीं लगेगा
आगे क्या होगा: IndiGo का कहना है कि वह अपने सभी संचालन को 10 फरवरी 2026 तक पूरी तरह ठीक कर लेगी। सरकार ने कहा है कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं होती— किराया नियंत्रण जारी रहेगा, एयरलाइंस पर कड़ी नजर रखी जाएगी, यात्रियों को सलाह है कि यात्रा से पहले अपनी फ्लाइट का स्टेटस जरूर चेक करें।

