सार : लखनऊ को मिला UNESCO का ‘Creative City of Gastronomy’ का दर्जा, अवधी व्यंजन, कबाब और मिठाइयों की वजह से मिली पहचान, अब शहर को वैश्विक पाक-पर्यटन मानचित्र पर मिलेगी जगह, स्थानीय व्यंजनों के संरक्षण और प्रोत्साहन की दिशा में बड़ा कदम
विस्तार : नवाबी शहर लखनऊ ने एक बार फिर अपने स्वाद से दुनिया का दिल जीत लिया है। यूनेस्को ने लखनऊ को ‘Creative City of Gastronomy’ (रचनात्मक पाक कला नगरी) का दर्जा दिया है। यह सम्मान उन शहरों को दिया जाता है जिनकी पहचान समृद्ध पाक-संस्कृति, स्थानीय खाद्य परंपरा और नवाचार से जुड़ी होती है।
यूनेस्को ने कहा कि लखनऊ की अवधी पाक शैली, टुंडे कबाबी, गलौटी कबाब, मख़न मलाई, चाट गलियां और परंपरागत मिठाइयों ने इस शहर को वैश्विक मंच पर विशेष स्थान दिलाया है। अवधी भोजन न सिर्फ स्वाद बल्कि संस्कृति और इतिहास का प्रतीक माना जाता है।
इस सूची में शामिल होने के बाद लखनऊ अब दुनिया के 408 शहरों में शामिल हो गया है जिन्हें “क्रिएटिव सिटी नेटवर्क” का हिस्सा माना गया है।
शहर के लिए क्या बदलेगा : यह मान्यता मिलने के बाद लखनऊ में फूड टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, स्थानीय व्यवसायों और रसोइयों को वैश्विक पहचान मिलेगी, अवधी व्यंजनों को संरक्षण और नवाचार के साथ नई पीढ़ी तक पहुँचाने का अवसर मिलेगा, राज्य सरकार ने कहा कि यह उपलब्धि स्थानीय कारीगरों, बावर्चियों और खानपान उद्योगों की मेहनत का परिणाम है।
विशेषज्ञों की राय : पर्यटन विशेषज्ञों का कहना है कि यह सम्मान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लखनऊ के पर्यटन को नई दिशा देगा।
“अब लखनऊ को सिर्फ तहज़ीब और नवाबी शहर नहीं, बल्कि ‘वर्ल्ड फूड कैपिटल ऑफ इंडिया’ के रूप में भी जाना जाएगा।”
— प्रो. शशांक त्रिपाठी, पर्यटन विशेषज्ञ
सरकार का बयान : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह सम्मान प्रदेश के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा, “लखनऊ का स्वाद अब दुनिया के नक्शे पर और भी चमकेगा। सरकार स्थानीय व्यंजन और खानपान परंपरा को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।”
लखनऊ को मिला यह खिताब न सिर्फ शहर की पहचान को मज़बूती देगा, बल्कि अवधी पाक कला, सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन के क्षेत्र में नई संभावनाएं खोलेगा।
अब उम्मीद है कि लखनऊ “तहज़ीब के साथ स्वाद” का केंद्र बनकर दुनिया में और चमकेगा।

