लखनऊ। फर्जी फेसबुक एकाउन्ट बनाकर उस पर लाइफ टाइम रुपे क्रेडिट कार्ड बनाने का ऑफर देकर साइबर ठगी करने वाले जामतारा गिरोह के दो सदस्यों को एसटीएफ ने गजियाबाद से गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से लैपटाप, मोबाइल, फर्जी सिम कार्ड डेविड/केडिट कार्ड समेत अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं।
एसटीएफ ने आरोपियों को गाजियाबाद से दबोचा
एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश के मुताबिक मुखबिर की सूचना पर कालू सीमेन्ट एजेन्सी चौराहा बन्दना बिहार खोडा़ गाजियाबाद से साइबर ठगी करने वाले गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान नागेश राघव व पंकज निवासीगण गाजियाबाद के रूप में हुई है।

गिरफ्तार आरोपियों के पास से एक लैपटाप, 10 डेविड कार्ड-क्रेेडिट कार्ड व 1070 रुपये की नकदी समेत अन्य कागजात बरामद हुए हैं। गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि फर्जी फेसबुक आईडी से ऐड चलाकर के्रडिट कार्ड का लालच देकर शिकार बनाया जाता है। गिरफ्तार आरोपी नागेश ने बताया कि इससे पूर्व भी मैने अपनी फर्जी फेसबुक आईडी Abhishekkumar, Praveen,manojkumar,Rahulsingh,manishkumar के नाम से बनायी थी। जिसके माध्यम से Lifetime free rupay cards के नाम से ऐड डाला था। कुछ दिन बाद डिलीट कर दिये। वर्तमान में फेकआईडी Sirajkhan के नाम से चल रही है। गिरफ्तार आरोपियों के विरूद्ध थाना खोड़ा गाजियाबाद में मुकदमा दर्ज कराया गया है। आगे की कानूनी कार्रवाई स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।
फेसबुक पर फेक आईडी से ऐड चलाकर बनाते थे शिकार
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि हम लोग फेसबुक पर फेक आईडी बनाकर उस पर लाइफ टाइम फ्री रूपे कार्ड्स के नाम से एडवटाइज डालते है। कार्ड बनवाने के इच्छुक व्यक्ति अपना व शहर का नाम, मोबाइल नम्बर व आईडी भेजते है। ऐप से माध्यम से फर्जी सिम नम्बरों से काल कर इच्छुक व्यक्ति से क्रेडिट कार्ड के सम्बन्ध में बातचीत करते हैं। इसी दौरान इससे पूर्व इनके पास मौजूद केडिट कार्ड के बारे में जानकारी हासिल करते हैं। यदि उनके पास पूर्व से क्रेडिट कार्ड नहीं होता है, तो यह कहकर काल काट देते है, कि आपका रजिस्ट्रेशन हो गया है। यदि उनके पास पूर्व से क्रेडिट कार्ड होता है, तो वीडियो काल से केवाईसी होने की बात कहते हुए क्रेडिट कार्ड की फोटो व वीडियो हासिल कर ली जाती है।
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साइबर ठग क्रेडिट कार्ड से उड़ाता था रुपये
गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि कार्ड का नम्बर और डिटेल हासिल करने के बाद जामतारा झारखण्ड में बैठे अपने साथी को सारी जानकारी भेज दी जाती है। जिसके बाद साथी फ्लिप कार्ड व मोबीक्विक ऐप से क्रेडिट कार्ड से सामान खरीदने के साथ ही एकाउन्ट में पैसे ट्रांसपर कर लेते हैं। गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि अभी दो पोको कम्पनी के मोबाइल फर्जी पते पर मगांये हैं।

